मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार में दिन भर उतार-चढ़ाव का दौर बना रहा और कारोबार के आखिरी घंटों में शेयरों में आयी मजबूती की वजह से डॉव जोंस 1.83% की बढ़त के साथ बंद हुआ। नैस्डैक सूचकांक भी आखिरकार हरे निशान में बंद होने में सफल रहा। विश्लेषकों का मानना है कि मंगलवार को दर्ज की गयी मजबूती से यह नहीं मान लेना चाहिए कि हम वापसी की राह पर चल पड़े हैं, क्योंकि अभी भी बाजार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आने वाली संभावित मंदी की चिंता से ग्रस्त है। थोक मूल्य सूचकांक और भवन निर्माण बाजार से संबंधित आंकड़ों ने इस आशंका को सच ही साबित किया है और इसकी वजह से निवेशकों में निराशा है। शेयर बाजारों में कारोबार की कम मात्रा भी चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे संकेत हैं कि अमेरिकी प्रशासन अभी भी तीन बड़ी ऑटो कंपनियों के लिए 25 अरब डॉलर के राहत पैकेज के खिलाफ बना हुआ है। नाइमेक्स में कच्चे तेल का भाव 0.56 डॉलर गिर कर 54.39 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यूरोप में एफटीएसई 100 में 1.85%, कैक 40 में 1.11% और डैक्स में 0.49% की मजबूती रही। लेकिन कल यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में दर्ज मजबूती के बावजूद बुधवार की सुबह एशियाई बाजारों में गिरावट दिख रही है। भारतीय समयानुसार सुबह 8.15 बजे कॉस्पी में 3.5% से अधिक की गिरावट है। स्ट्रेट टाइम्स, निक्केई, जकार्ता कंपोजिट और ताइवान वेटेड में 1-1.5% की गिरावट है। हालांकि शंघाई कंपोजिट और हैंग सेंग भी लाल निशान में है, लेकिन यह गिरावट अधिक नहीं है।