सत्यम के पूर्व चेयरमैन बी रामलिंग राजू ने शुक्रवार 9 जनवरी की रात आंध्र प्रदेश की सीआईडी के डीजीपी कार्यालय आकर आत्मसमर्पण कर दिया। सीआईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ ही उनके छोटे भाई और सत्यम के पूर्व प्रबंध निदेशक बी राम राजू को भी गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी ने रामलिंग राजू के उस पत्र के आधार पर एक मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें उन्होंने सत्यम के चेयरमैन पद से इस्तीफा देते हुए कंपनी के बही-खातों में सालों से की जा रही गड़बड़ियों को स्वीकार किया था। इस पत्र में दिये गये आँकड़ों के आधार पर माना जा रहा है कि सत्यम का यह घोटाला करीब 7,000 करोड़ रुपये का है।
सीआईडी ने राजू भाइयों पर विश्वास तोड़ने का आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी के आरोप लगाये गये हैं। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक अदालत में इन आरोपों के सच साबित होने पर 10 वर्षों की कैद हो सकती है। हालाँकि कई विशेषज्ञों के मुताबिक उन पर लगे आरोपों में उम्रकैद होने की भी संभावना बनती है। सीआईडी शनिवार को राजू बंधुओं को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी।
इस गिरफ्तारी के चलते आज सेबी के सामने राजू की पेशी हो पानी मुश्किल है। सेबी ने एक समन जारी कर राजू को शुक्रवार शाम 4.30 बजे हाजिर होने के लिए कहा था। इस समन के जवाब में कल सेबी के सामने राजू के वकील पेश हुए थे और कम समय मिलने की बात कह कर राजू की पेशी के लिए 24 घंटे का समय माँगा था। इस पर सेबी ने राजू को शनिवार शाम 4.00 बजे पेश होने का समय दिया था।