देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) को वित्त वर्ष 2014-15 के पहले नौ महीनों में नये प्रीमियम के रूप में मिली राशि 21.4% घट गयी है।
वित्त वर्ष 2014-15 में अप्रैल-दिसंबर की अवधि में नये प्रीमियम की राशि पिछले साल की समान अवधि के 65,774 करोड़ रुपये से घट कर 51,667 करोड़ रुपये रह गयी है। नये प्रीमियम में इस गिरावट की वजह से बीमा बाजार में एलआईसी की हिस्सेदारी घट कर 70% रह गयी है।
पिछले वित्त वर्ष में एलआईसी को नये प्रीमियम से कुल 90,123.75 करोड़ रुपये हासिल हुए थे। अगर एलआईसी को पिछले साल का यह आँकड़ा छूना है तो उसे अंतिम तिमाही में पिछली तीन तिमाहियों का 75% कारोबार करना होगा। हालाँकि पिछले साल अंतिम तिमाही में निगम ने पिछली तीन तिमाहियों का 37% ही कारोबार किया था। दूसरी तरफ निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों का प्रदर्शन देखें तो चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में बीमा क्षेत्र की कुल 23 निजी कंपनियों के पास जमा नये प्रीमियम की राशि 16.6% बढ़ कर 22,110 करोड़ रुपये हो गयी है।
इन कंपनियों में से सबसे ज्यादा फायदा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को मिला है। चालू वित्त वर्ष की पिछली 3 तिमाहियों में इसको मिलने वाला कुल 'पहला प्रीमियम' 40% बढ़ कर 3,586 करोड़ रुपये रहा है। वहीं एसबीआई लाइफ को पहले प्रीमियम के तौर पर 3,362 करोड़ रुपये मिले हैं। यह पिछले साल की पहली तीन तिमाहियों की अवधि के मुकाबले 10.84% ज्यादा है।
बीमा क्षेत्र की 23 निजी कंपनियों में से 17 कंपनियों के कारोबार में बढ़त देखी गयी। वहीं 6 कंपनियों का नये कारोबार से मिलने वाला प्रीमियम घटा है। बढ़त दर्ज करने वाली कंपनियों में एचडीएफसी स्टैंडर्ड, मैक्स लाइफ, रिलायंस लाइफ और पीएनबी मेटलाइफ शामिल हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में बीमा क्षेत्र की ओर से जुटाया गया कुल प्रीमियम एलआईसी के कारोबार में गिरावट की वजह से 13% घटा है। वित्त वर्ष 2014-15 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में कुल जमा प्रीमियम 73,777.37 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की समान अवधि में यह आँकड़ा 84,725 करोड़ रुपये था। (शेयर मंथन, 17 फरवरी 2015)
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