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म्यूचुअल फंडों के संगठन एम्फी ने निवेशकों के लिए तीन नयी पहलें शुरू की हैं। इनका उद्देश्य वित्तीय समावेश को बढ़ावा देना और सभी के लिए म्यूचुअल फंड निवेश को सुलभ बनाना है। ये पहलें हैं- छोटी सिप (सैशे ऑफ म्यूचुअल फंड्स), तरुण योजना और मित्र (म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्रीवल असिस्टेंट)।
छोटी सिप से कम आय वालों को मिलेगी सुविधा
छोटी सिप एक ऐसी योजना है, जो मात्र 250 रुपये से सुव्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) शुरू करने की सुविधा देती है। यह पहल खास तौर पर पहली बार निवेश करने वालों और कम आय वाले वर्ग के लिए तैयार की गई है, ताकि वे भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकें। एम्फी का मानना है कि यह कदम छोटे निवेशकों को वित्तीय बाजारों से जोड़ने में मदद करेगा।
भविष्य के निवेशक तैयार करेगी तरुण योजना
तरुण योजना का लक्ष्य युवाओं को वित्तीय साक्षरता से जोड़ना है। इसके तहत स्कूलों में वित्तीय शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जायेगा, ताकि नयी पीढ़ी बचपन से ही निवेश की समझ विकसित कर सके। यह योजना भविष्य के निवेशकों को तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
खोये निवेश को पाने में मदद करेगा मित्र
मित्र एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो निवेशकों को उनके खोये हुए या निष्क्रिय हो चुके म्यूचुअल फंड निवेश को खोजने (ट्रैक करने) और पुनः प्राप्त करने में मदद करेगा। यह पहल उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी, जो अपने पुराने निवेश को भूल चुके हैं या उस तक पहुँचने में असमर्थ हैं।
हर भारतीय के लिए सुलभ होंगे म्यूचुअल फंड: एम्फी प्रमुख
एम्फी के चेयरमैन नवनीत मुनोट ने कहा, ‘‘ये पहलें म्यूचुअल फंड को हर भारतीय के लिए सुलभ बनाने की दिशा में उठाये गये कदम हैं। म्यूचुअल फंड वित्तीय सशक्तिकरण के मुख्य स्तम्भ हैं और ये सभी लोगों को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने में सक्षम बनाते हैं। नयी पहलें यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गयी हैं कि निवेश करना न सिर्फ आसानी से उपलब्ध हो, बल्कि सुरक्षित, पारदर्शी और हर भारतीय की बेहतरी से जुड़ा हुआ भी हो। हम खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ाकर, शुरुआत में ही वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देकर और वित्तीय संसार में दिशा दिखाने वाले आवश्यक समाधान मुहैया कराकर अधिक लचीली व समावेशी निवेश संस्कृति बनाना चाहते हैं।’’
बाजार को व्यापक बनाने के लिए भागीदारी जरूरी: सेबी प्रमुख
सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने भी इन पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एम्फी की तीनों नयी पहलों से लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने वित्तीय समावेश और निवेशकों की सुरक्षा को बेहतर पूँजी बाजार के विकास के लिए जरूरी माना। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वित्तीय बाजार को व्यापक बनाने के लिए निवेशकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। एम्फी की पहलें न सिर्फ अधिक निवेशकों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी, बल्कि पारदर्शिता, सुरक्षा और म्यूचुअल फंडों में निवेश की पहुँच में सरलता सुनिश्चित करेंगी।’’
67.25 लाख करोड़ रुपये हुआ एयूएम
भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों की सम्मिलित प्रबंधित संपत्तियाँ (एयूएम) 67 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी हैं। शेयर बाजार में जारी गिरावट के बावजूद इसमें तेजी आ रही है। जनवरी महीने में यह रिकॉर्ड 67.25 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुँच गयी। जनवरी में एसआईपी के माध्यम से आने वाला निवेश भी लगातार दूसरे महीने 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहा। हालाँकि, अब भी कई लोग जागरूकता और पहुँच की कमी के कारण निवेश से वंचित हैं। एम्फी उपलब्धता और जागरूकता की इसी खाई को पाटने का प्रयास कर रहा है।
(शेयर मंथन, 21 फरवरी 2025)
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