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दिल्ली के प्रदूषण से फूला स्वास्थ्य बीमा कंपनियों का दम, महँगा हो सकता है प्रीमियम 

आपका हेल्थ इंश्योरेंस महँगा होने वाला है, क्योंकि कंपनियाँ प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने इसके लिए देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को जिम्मेदार बताया है और इसकी वजह से वे प्रीमियम में 10 से 15% तक इजाफा कर सकती हैं। कंपनियों को बीमा नियामक इरडा की मंजूरी का इंतजार है। 

महँगा होगा हेल्थ इंश्योरेंस

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियाँ प्रीमियम 10 से 15% बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्हें बस बीमा नियामक इरडा से मंजूरी का इंतजार है। कंपनियाँ इसके पीछे राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को जिम्मेदार बता रही हैं। अगर इन्हें इरडा से मंजूरी मिल जाती है तो देश के इतिहास में ये पहली बार होगा जब बीमा कंपनियाँ वायु प्रदूषण को प्रीमियम बढ़ाने के लिए एक कारण बता रही हैं। संभव है कि इसके बाद ये कंपनियाँ अन्य शहरों में दूसरे कारणों को वजह बताकर प्रीमियम बढ़ाने की माँग कर सकती हैं।

कंपनियों की दलील

देश की राजधान दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हर साल ठंड से पहले आस पड़ोस के राज्यों में पराली जलने की घटनाओं से दिल्ली गैस चेंबर में बदल जाती है। इस कारण वहाँ की हवा जहरीली होती जा रही है। दिल्ली में जहरीली हवा के कारण, 2024 में कई निवासियों ने अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और हृदय संबंधी स्थितियों के लिए उपचार कराया, जो पिछले किसी भी वर्ष की तुलना में अधिक था। पांच अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

इन इलाज का बोझ बीमा कंपनियों पर पड़ा। कंपनियों की दलील है वो वायु प्रदूषण को बीमारी के एक अलग कारक के रूप में देखना चाहती हैं और उन क्षेत्रों में प्रीमियम बढ़ाने की वकालत करती हैं जिन शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या है। वो प्रीमियम बढ़ोतरी को सीधे न कहके फीस की तौर पर लगाना चाहती हैं। कंपनियों का कहाना है कि दिल्ली जैसे शहरों में जहाँ वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, वहाँ पर श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जहाँ 2024 की पहली छमाही में इन रोगियों की संख्या 5 से 6% थी वहीं दूसरी छमाही में बढ़कर 17 से 18% हो गई।

कम नहीं है कमाई

बीमा कंपनियाँ भले प्रीमियम बढ़ाने के लिए कोई भी दलील पेश कर रही हों लेकिन इरडा की वार्षिक रिपोर्ट कुछ और ही कहानी कहती है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में बीमा कंपनियों ने 12.4 अरब डॉलर यानी 1240 करोड़ डॉलर का प्रीमियम प्राप्ति किया था जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 20% अधिक था।

एक रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता !

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और भारतीय हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेटर मेडि असिस्ट की एक रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2023 से वित्तीय वर्ष 2025 तक श्वसन संबंधी दावों में 8.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

दिल्ली की प्रदूषण कितनी बड़ी वजह?

दिल्ली में गाड़ियों से निकलने वाला धूआँ, कंस्ट्रक्शन और पराली ये सब प्रदूषण के कारण हैं। दिल्ली ही नहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भी दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की फेहरिस्त में शुमार है। हर साल सर्दियों से पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के भी पार चला जाता है। यही जहरीली हवा लोगों की बीमार बना रही है। परेशानी की बात ये है कि ऐसे लोगों को भी फेंफड़ों का कैंसर हो रहा है जो कभी सिगरेट तक नहीं पीते।

(शेयर मंथन, 23 फरवरी 2025)

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