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म्यूचुअल फंड निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नवीन कोष पेशकश (एनएफओ) के नियमों कुछ बदलाव की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
इसके तहत परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को एनएफओ से मिली रकम को तय समय में निवेश करना होगा। इस संबंध में सेबी ने 14 फरवरी को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जबकि बोर्ड ने इस प्रस्ताव को दिसंबर में मंजूरी दी थी।
सेबी ने बदले म्यूचुअल फंड के नियम
सेबी ने एएमसी के फंड मैनेजरों को एनएफओ से मिली रकम को योजना के पूर्व निर्धारित परिसंपत्ति आवंटन के अनुसार 30 दिनों के भीतर निवेश करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं, निवेश को पारदर्शी बनाने के लिए उन्हें फंड के स्ट्रेस टेस्ट की भी जानकारी देनी होगी। दरअसल सेबी म्यूचुअल फंड के काम में और पारदर्शिता लाने के साथ ही निवेशकों के प्रति उनकी जवाबदेही तय करा चाहता है, ताकि उनका भरोसा बढ़े।
आपके सामने क्या विकल्प
अपने आदेश में रेगुलेटर ने कहा कि एएमसी तय समय में एनएफओ में मिली रकम को निवेश नहीं करती हैं तो निवेशकों के पास बिना एग्जिट लोड चुकाये स्कीम से बाहर निकलने का विकल्प होगा। सेबी का ये बदलाव एएमसी को एनएफओ के दौरान न सिर्फ ज्यादा रकम जमा करने से रोकता है बल्कि उसे तय समय पर निवेश करने के लिए मजबूर भी करता है।
(शेयर मंथन, 21 फरवरी 2025)
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