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सुरेश सोनी, सीईओ, बड़ौदा बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट
मैंने अपना पूरा करियर वित्तीय बाज़ारों में बिताया है। ऐसे एक व्यक्ति के रूप में मैंने ऐसे लोगों से अनगिनत बार बातचीत की है, जो ‘एकदम सही प्रवेश बिंदु’ की प्रतीक्षा करते रहते हैं या मंदी के दौरान घबरा जाते हैं।
लेकिन अगर वित्तीय क्षेत्र में मेरे दो दशकों से अधिक के अनुभव ने मुझे कोई एक सबक सिखाया है, तो वह यही है कि ‘बाजार में समय बिताना ही संपदा सृजन की नींव है।’
बाजार में निवेश करने का एकदम सही समय जानने की कोशिश करना यह भविष्यवाणी करने जैसा है कि मुंबई में बारिश कब होगी - अप्रत्याशित! यहाँ तक कि अनुभवी पेशेवर भी अल्पकालिक प्रतिफल (रिटर्न) की भविष्यवाणी करने में बहुत मुश्किल महसूस करते हैं, क्योंकि बाजार भूराजनीतिक बदलावों, किसी प्रकाशित आर्थिक आँकड़े (डेटा), वित्तीय संकट और यहाँ तक कि वायरल ट्वीट या टिप्पणी से भी प्रभावित हो जाते हैं।
आप जरा इस पर विचार करें कि पिछले 20 वर्षों में निफ्टी 50 के अध्ययन में हमने उन सभी स्थितियों को देखा, जहाँ इस सूचकांक (इंडेक्स) में 10% की गिरावट दर्ज की गयी। पिछले कुल 13 ऐसे उदाहरण मिले, जिनमें से 11 बार सूचकांक ने 10% गिरावट पूरी होने वाली तिथि से ठीक एक साल बाद सकारात्मक प्रतिफल (रिटर्न) दिया, जबकि नकारात्मक प्रतिफल के केवल 2 उदाहरण हैं। सूचकांक ने इन सभी अवसरों पर 10% की गिरावट होने के 1 साल बाद औसत 21% का प्रतिफल दिया। इसलिए, अस्थिरता के दौरान मजबूती से टिके रहें। आप पैसे उस समय नहीं खोते, जब बाजार में घबराहट होती है। जब आप स्वयं घबराते हैं, तब आप पैसे खो देते हैं।
सही समय चुनने से बेहतर है बाजार में समय देना |
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10% गिरावट पूरी होने की तिथि |
1 वर्ष बाद की तिथि |
प्रतिफल |
18 अप्रैल 2005 |
18 अप्रैल 2006 |
82% |
19 मई 2006 |
19 मई 2007 |
30% |
17 अगस्त 2007 |
17 अगस्त 2008 |
8% |
15 सितंबर 2008 |
15 सितंबर 2009 |
20% |
3 नवंबर 2009 |
3 नवंबर 2010 |
35% |
14 जनवरी 2011 |
14 जनवरी 2012 |
-14% |
8 मई 2012 |
8 मई 2013 |
21% |
24 जून 2013 |
24 जून 2014 |
36% |
7 मई 2015 |
7 मई 2016 |
-4% |
17 नवंबर 2016 |
17 नवंबर 2017 |
27% |
23 मार्च 2018 |
23 मार्च 2019 |
15% |
5 अगस्त 2019 |
5 अगस्त 2020 |
2% |
20 दिसंबर 2021 |
20 दिसंबर 2022 |
11% |
13 नवंबर 2024 |
13 नवंबर 2025 |
? |
यह बात मुझे हाल ही में एक जगह कुछ लोगों के इकट्ठा होने के समय घटे एक दिलचस्प क्षण की याद दिलाती है। आगे की पंक्ति में बैठे एक सज्जन ने पीछे से नाश्ता परोसा जाना देखा। जब तक वे उसके पास पहुँचे, तब तक सब खत्म हो चुका था। बाद में, जब पेय पदार्थ परोसे गए, तो वह पीछे चला गया - लेकिन वहाँ जाकर उसे एहसास हुआ कि इस बार आगे से परोसना शुरू हुआ था। एक बार फिर वह चूक गया! अंत में, एक महिला उसकी ओर कटोरा लेकर आयी। आशा में उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया - लेकिन उसे एक टूथपिक मिली! तो इसकी शिक्षा क्या है? खुद को सही स्थिति में लाने और बाजार में उचित समय तलाशने का प्रयास न करें। यदि आप अनुशासित और धैर्यवान हैं, तो अच्छे प्रतिफल स्वयं आपके पास आयेंगे।
मेरा अनुभव कहता है कि संपदा का सृजन 100 मीटर की दौड़ नहीं, बल्कि एक मैराथन है। बाजार धैर्य को पुरस्कृत करता है। आप उसी चीज पर ध्यान केंद्रित करें, जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं – बाजार में दिया हुआ समय, निरंतरता और भावनात्मक अनुशासन। बाकी सब कुछ बाजार को ही सँभालने दें। (शेयर मंथन, 19 फरवरी 2025)
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