आइडिया सेल्युलर (Idea Cellular) कारोबारी साल 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में 962.2 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे में रही।
कंपनी को लगातार छठी तिमाही में घाटा हुआ है। इससे पहले 2016-17 की समान अवधि में कंपनी 327.7 करोड़ रुपये के घाटे में रही थी, जबकि 2017 की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में आइडिया 1,284.5 करोड़ रुपये के घाटे में रही थी। टेलीकॉम सेक्टर में सस्ती योजनाओं के सहारे अपने उपभोक्ता आधार को बचाये रखने के दबाव से आइडिया की प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी (एआरपीयू) अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 114 रुपये से घट कर 105 रुपये पर आ गयी। मगर कंपनी का उपभोक्ता आधार वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान करीब 60 लाख बढ़ कर 19.45 करोड़ पर पहुँच गया, जो आइडिया का एक सकारात्मक पहलू है।
वहीं कंपनी की शुद्ध आमदनी 8,194 करोड़ रुपये से 24.5% घट कर 6,137 करोड़ रुपये रही। जानकारों के मुताबिक कंपनी की आमदनी संभावना से बेहतर रही, जबकि एबिटा, अन्य आमदनी तथा कम लागत से इसका शुद्ध घाटा भी उम्मीद से कम रहा। आइडिया का एबिटा 31.7% घट कर 1,447 करोड़ रुपये और एबिटा मार्जिन 351 आधार अंकों की गिरावट के साथ 23.6% रह गया।
गौरतलब है कि आइडिया अपने कारोबार का विलय वोडाफोन के साथ करने की प्रक्रिया में है। साथ ही कंपनी की अपने टावर व्यापार को बेच कर 4,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।
उधर उम्मीद से कम घाटा रहने से बीएसई में आइडिया का शेयर हरे निशान में है। 68.80 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले आज यह 72.00 रुपये पर खुला है। सवा 10 बजे के करीब आइडिया का शेयर 0.60 रुपये या 0.87% की मजबूती के साथ 69.40 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 30 अप्रैल 2018)
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