
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) या एसबीआई को वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में 4,876 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
इसके मुकाबले बैंक को 2017-18 की समान अवधि में 2,005.5 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। गौरतलब है कि एसबीआई को इतना घाटा प्रोविजन बढ़ने से हुआ है। एसबीआई के प्रोविजन 115.3% की जोरदार वृद्धि के साथ 19,228.6 करोड़ रुपये के रहे। हालाँकि बैंक ने एनपीए के मामले में सुधार किया है। बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात 5.97% के मुकाबले 68 आधार अंक घट कर 5.29% रहा। तिमाही आधार पर भी इसके शुद्ध एनपीए अनुपात में 44 आधार अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है।
साल दर साल आधार पर ही एसबीआई की शुद्ध ब्याज आमदनी 17,606 करोड़ रुपये के मुकाबले 23.81% बढ़ कर 21,798 करोड़ रुपये रही, जबकि ऋण पर ब्याज आमदनी 7.54% बढ़ कर 36,142 करोड़ रुपये हो गयी। मगर एसबीआई की गैर-ब्याज आमदनी 8,006 करोड़ रुपये से 16.57% घट कर 6,679 करोड़ रुपये रह गयी। इसके अलावा एसबीआई की कुल जमा 5.58% की बढ़त के साथ 27,47,813 करोड़ रुपये, सीएएसए अनुपात 44.38% से 69 आधार अधिक 45.07%, शुद्ध ब्याज मार्जिन (घरेलू) 2.50% के मुकाबले 45 आधार अंक सुधर कर 2.95% और पूँजी पर्याप्तता अनुपात 60.79% के मुकाबले 846 आधार अंक अधिक 69.25% रहा।
उधर बीएसई में एसबीआई का शेयर 316.45 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 317.70 रुपये पर खुला। लाल निशान में कारोबार करते हुए यह सवा 2 बजे के करीब तेजी से 325.85 रुपये तक चढ़ा, मगर जल्दी ही कमजोर स्थिति में पहुँच गया। अंत में एसबीआई का शेयर 12.00 रुपये या 3.79% की गिरावट के साथ 304.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2018)
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