
छत्तीसगढ़ की नयी कांग्रेस (Congress) सरकार ने कर्ज माफी के बाद किसानों के लिए एक और तोहफे की घोषणा की है।
नयी घोषणा के अनुसार बस्तर के किसानों वो अधिग्रहित जमीन लौटायी जायेगी, जिसे टाटा स्टील (Tata Steel) की परियोजना के लिए आदिवासी किसानों से खरीदा गया था। राज्य में किसानों को जमीन लौटाने के लिए प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है।
खबर है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है। अधिकारियों को कैबिनेट की अगली बैठक से पहले एक्शन प्लान जमा करवाने को कहा गया है। दरअसल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि पार्टी के सत्ता में आने पर लोहंडीगुड़ा के किसानों को वो जमीन वापस कर दी जायेगी, जो टाटा स्टील के अपनी परियोजना को रद्द किये जाने के कारण अप्रयुक्त रही है।
गौरतलब है कि 2005 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने टाटा स्टील के साथ बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा में 19,500 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। जमीन अधिग्रहण की शुरुआत 2008 में हुई थी और सरकार ने 10 गाँवों की 1,764 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था, जिनमें चिंदगाँव. कुम्हली, बेलियापल, बंदाजी, बादे परोडा, बेलार, सिरिसगुड़ा और टकरागुड़ा शामिल हैं।
मगर अधिग्रहण पर विवाद हुआ और इसके बाद 1,707 किसानों में 1,165 ने जमीन के लिए मुआवजा लिया था, जबकि शेष किसानों के पैसे को राजस्व निधि में जमा करवा दिया गया था। हालाँकि 2016 में टाटा स्टील ने परियोजना रद्द कर दी थी।
दूसरी तरफ बीएसई में सोमवार को टाटा स्टील का शेयर 5.70 रुपये या 1.10% की कमजोरी के साथ 514.40 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 57,946.40 करोड़ रुपये है। वहीं पिछले 52 हफ्तों में कंपनी के शेयर का शिखर 747.25 रुपये और तलहटी 486.90 रुपये के भाव पर रही है। (शेयर मंथन, 25 दिसंबर 2018)
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