
करीब 42,000 घर खरीदारों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने आम्रपाली ग्रुप की परियोजनाओं का रेरा (RERA) पंजीकरण रद्द कर दिया है।
साथ ही शीर्ष अदालत ने सरकारी निर्माण कंपनी एनबीसीसी (NBCC) को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने को कहा है।
इसके अलावा न्यायाधीश अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने घर खरीदारों की ओर से दिये गये फंड में की गयी हेरा-फेरी की जाँच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को सौंप दी है। इसी मामले में ईडी को आम्रपाली ग्रुप और इसके प्रमुख निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया है।
अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि प्राधिकरणों का बकाया न्यायालय द्वारा कुर्क की गयी समूह की संपत्तियों की बिक्री से वसूला जायेगा।
गौरतलब है कि अब घर खरीदारों को यूको बैंक (UCO Bank) में बकाया राशि जमा करनी होगा, जिसे फिक्स्ड डिपॉजिट में रखा जायेगा और निर्माण को पूरा करने के लिए एनबीसीसी द्वारा उपयोग किया जायेगा।
बता दें कि एनबीसीसी ने आम्रपाली ग्रुप की परियोजनाओं को पूरा करने का ऐलान पिछले साल अगस्त में ही कर दिया था। उस समय उच्चतम अदालत ने कंपनी को 04 सितंबर तक एक व्यवहारिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। तब अदालत ने समूह द्वारा 2,700 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी (Diverted) किये जाने की आशंका भी जतायी थी। (शेयर मंथन, 23 जुलाई 2019)
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