वाहन उद्योग में चल रही मंदी के बीच देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) में 3,000 से अधिक अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी चली गयी है।
खबरों के अनुसार ऑटो क्षेत्र में सुस्ती के लिहाज से अस्थाई कर्मचारियों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया। हालाँकि फिलहाल कंपनी के स्थाई कर्मचारियों पर इसका असर नहीं पड़ा है।
खबर में मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव के हवाले से बताया गया है कि यह कारोबार का हिस्सा है कि माँग बढ़ने पर अधिर अस्थाई कर्मचारियों की भर्ती की जाती है, जबकि माँग कम होने पर ऐसे कर्मचारियों की छटनी की जाती है।
बता दें कि वाहन क्षेत्र में मौजूदा मंदी के कारण घटती बिक्री की वजह से वाहन निर्माता कंपनियाँ अपना उत्पादन घटा रही हैं। साथ ही माँग-उत्पादन का तालमेल बैठाने के लिए अपने संयंत्रों को भी कुछ दिनों के लिए बंद कर रही हैं।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अनुसार देश में वर्ष दर वर्ष आधार पर जुलाई में घरेलू यात्री वाहन बिक्री में 31% की गिरावट आयी।
जुलाई 2018 में 2,90,931 इकाइयों की तुलना में 2019 की समान अवधि में कुल 2,00,790 यात्री वाहन बिके। जानकारों का मानना है कि ऑटो क्षेत्र में मंदी के कारण इतनी बड़ी गिरावट आयी है।
दूसरी तरफ शुक्रवार को बीएसई में मारुति का शेयर 159.60 रुपये या 2.74% की मजबूती के साथ 5,975.15 रुपये पर बंद हुआ। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 1,80,497.37 करोड़ रुपये है। वहीं पिछले 52 हफ्तों में कंपनी का शेयर 9,470.00 रुपये तक चढ़ा और नीचे की ओर 5,447.00 रुपये तक फिसला है। (शेयर मंथन, 17 अगस्त 2019)
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