प्रमुख दवा निर्माता कंपनी ल्युपिन (Lupin) को अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग (USFDA) से एचआईवी की जेनेरिक दवा बनाने की मंजूरी मिल गयी है।
कंपनी ने बताया कि अमेरिकी दवा नियामक ने दरूनाविर टैबलेट को अमेरिकी बाजारों में बेचने की अनुमति दे दी है। इस दवा का इस्तेमाल एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस) के मरीजों के इलाज में किया जाता है। बीएसई पर ल्युपिन के शेयर आज 2.76% की तेजी के साथ 20.15 रुपये बढ़ कर 742.55 रुपये पर बंद हुए।
मुंबई स्थित कंपनी ने बताया कि 800 मिलीग्राम टैबलेट की मंजूरी पाने वाली वह पहली और एकमात्र कंपनी है और उसे 180 दिनों की विशिष्टता भी मिली है। उसने आगे बताया कि 600 मिलीग्राम टैबलेट के लिए 180 दिनों की विशिष्टता संभावित रूप से साझा करेगी। अमेरिकी नियामक से उसको यह मंजूरी 600 और 800 मिलीग्राम क्षमता वाली दवा बनाने के लिए मिली है।
उसकी यह टैबलेट जेनसैन प्रोडक्ट की प्रेजिस्टा टैबलेट का जेनेरिक समकक्ष है। जून 2022 के मूविंग एनुअल टोटल (एमएटी) आँकड़ों के मुताबिक अमेरिका बाजार में 600 और 800 मिलीग्राम क्षमता वाली डरूनाविर टैबलेट की अनुमानित सालाना बिक्री 34.3 करोड़ डॉलर है।
(शेयर मंथन, 04 अक्तूबर 2022)
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