कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 21,100-21,000 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
मिलों और निर्यातकों की ओर से कम खरीदारी के कारण दक्षिण और मध्य भारत में कपास की कीमतों में गिरावट हुई है। केवल जरूरतमंद मिलें ही कपास की खरीदारी कर रही हैं, जबकि विदेशों से औसत माँग को देखते हुए निर्यातक कोई बड़ा करार नही कर रहे हैं और वे थोक खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। चीन की ओर से खरीदारी नही किये जाने के कारण विदेशी बाजारों में कॉटन वायदा की कीमतों में भी गिरावट हो रही है।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,250-4,350 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) में शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 8,700-8,725 रुपये के नजदीक बाधा का सामना करना पड़ सकता है। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के रुझान के बाद पेराई मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में गिरावट हुई है।
चना वायदा (जनवरी) में शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 4,535-4,550 रुपये के करीब रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। कर्नाटक के कालाबुर्गी में चने की नयी फसल की आवक होने लगी है। लेकिन किसानों और कारोबारियों की कीमतों में काफी अंतर के कारण उसके खरीदार नही मिल रहे हैं। नयी फसल का चना पुराने की तुलना में 10% अधिक 5,000-5,200 रुपये के दायरे में बिक रहा है। विभिन्न क्षेत्रों से चना की अधिक आपूर्ति के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है। (शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2018)
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,250-4,350 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) में शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 8,700-8,725 रुपये के नजदीक बाधा का सामना करना पड़ सकता है। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के रुझान के बाद पेराई मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में गिरावट हुई है।
चना वायदा (जनवरी) में शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 4,535-4,550 रुपये के करीब रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। कर्नाटक के कालाबुर्गी में चने की नयी फसल की आवक होने लगी है। लेकिन किसानों और कारोबारियों की कीमतों में काफी अंतर के कारण उसके खरीदार नही मिल रहे हैं। नयी फसल का चना पुराने की तुलना में 10% अधिक 5,000-5,200 रुपये के दायरे में बिक रहा है। विभिन्न क्षेत्रों से चना की अधिक आपूर्ति के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है। (शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2018)
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