सोयाबीन वायदा (मार्च) की कीमतों के 3,725 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
वर्तमान समय में भारतीय सोयामील की तुलना में दक्षिण अमेरिकी सोयामील की कीमतें काफी कम है। इसलिए भारतीय सोयामील की निर्यात माँग में कमी जारी रहने की संभावना है और घरेलू कीमतों पर दबाव बरकरार रह सकता है।
घरेलू बाजारों में अधिक आपूर्ति के कारण सीपीओ वायदा (मार्च) की कीमतों में गिरावट होने की संभावना है और कीमतों में 542 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कुवालालम्पुर सम्मेलन में औद्योगिक सूत्रों के अनुसार मलेशिया और इंडोनेशिया में पॉम ऑयल के बढ़ते उत्पादन अनुमान के कारण बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों में गिरावट हुई है। बाजार की नजर 11 मार्च को जारी होने वाले मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के आँकड़ों पर रहेगी।
सरसों वायदा (अप्रैल) की जवाबी खरीद को 3,845 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। 2018-19 में देश में सरसों का उत्पादन पिछले वर्ष के 71.5 लाख टन की तुलना में 19% की उछाल के साथ 85 लाख टन होने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में बेहतर मौसम के कारण मौजूदा सीजन में उत्पादकता में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस वर्ष सरसों की उत्पादकता पिछले वर्ष के 1,120 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में लगभग 1,281 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है। राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है और कारोबारी सूत्रों में अभी तक लगभग 20-25% फसल की कटाई हुई है और शेष फसल की कटाई अगले 3-4 हफ्ते में होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 07 मार्च 2019)
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