हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,300-6,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में नयी हल्दी की आवक बढ़ गयी है।
नयी हल्दी की 4,000 बैग और पुरानी हल्दी के 1,500 बैग की आवक हुई है। खरीदारों ने स्थानीय माँग को पूरा करने के लिए खरीदारी की है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है और कीमतों को 15,400 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। उत्पादन क्षेत्रों में खराब मौसम के कारण फसल के नुकसान होने की खबर है। मौसम में लगातार बदलाव और धूप-छाँव के कारण जीरे की फसल में रोक लगने की संभावना है। इस कारण किसानों ने कीटनाशकों का छिड़काव करना शुरू कर दिया है। फिर भी उत्पादन क्षेत्रों में यदि बादल छाये रहते है तो जीरे की फसल काली पड़ सकती है। इससे उत्पादन में काफी कमी हो सकती है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,150-6,250 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आपूर्ति की समस्या के कारण कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। इसके साथ ही मलेशिया, मिस्र, यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों की ओर से अधिक माँग के कारण भारतीय धनिया की निर्यात माँग भी काफी अधिक है। अन्य देशों में कम उत्पादन के कारण आगामी दिनों में निर्यात माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस वर्ष विश्व स्तर पर धनिया के उत्पादन में 40% कमी होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 07 मार्च 2019)
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