सोयाबीन वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 4,050-4,150 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने कीसंभावना है।
फसल कटाई पूरे जोर-शोर से चलने के बावजूद, मंडियों में सोयाबीन की आवक संतोषजनक नहीं है जबकि मध्य प्रदेश में फसल उत्पादन में अनुमानित और सोयाबीन वायदा में लगातार बढ़ोतरी ने किसानों को सोयाबीन की फसल रोक कर रखने को प्रेरित किया है। प्लांट डिलीवरी के लिए सोयाबीन की कीमतें 4,050-4,100 रुपये प्रति क्विंटल है। मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन की कीमतें भी 3,600-4,050 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक रही। कल देश में सोयाबीन की आवक 7.40 लाख बैग दर्ज की गयी थी। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 3.50 लाख बैग की आवक हुई। इसके बाद महाराष्ट्र में 1.90 लाख बैग, राजस्थान में 1.30 लाख बैग की आवक हुई। विश्व स्तर पर आपूर्ति कम होने की आशंका के कारण सीबीओटी पर अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। ब्राजील में शुष्क मौसम के कारण सोयाबीन रोपण में देरी को लेकर चिंताओं के बीच बिक्री बढ़ी है।
इसके विपरीत, सरसों वायदा (नवम्बर) की कीमतों में नरमी की संभावना है और कीमतों में 5,430-5,400 रुपये तक गिरावट हो सकती है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत के 2020-21 में उत्पादन क्षेत्रों में तेज वृद्धि के कारण रिकॉर्ड 10 मिलियन टन सरसों का उत्पादन होने की संभावना है। 2020-21 (जुलाई-जून) रबी की बुआई के लिए सरकार के पास अच्छी गुणवत्ता वाले सरसों के पर्याप्त बीज हैं। इसमें 25,100 टन की आवश्यकता के मुकाबले प्रमाणित बीजों का कुल भंडार 26,700 टन है।
सोया तेल वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 920-935 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 785-795 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। मलेशिया में पॉम के बागानों को नुकसान और सीबीओटी पर सोया तेल की कीमतों के कई हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुँचने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद तेजी से घरेलू खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। (शेयर मंथन, 13 अक्टूबर 2020)
Add comment