हाजिर बाजारों से नकारात्मक संकेत के कारण हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 5,700 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
इरोड के चार हल्दी बाजारों में हल्दी के 1,042 बैग की आवक हुई है जिसमें से 55 प्रतिशत बिक्री हुई है। बारिश के कारण और मौजूदा कीमतों से खुश नहीं होने के कारण, कुछ ही किसान हल्दी को बिक्री के लिए ला रहे है। माँग को लेकर व्यापारी भी नाखुश हैं क्योंकि मध्यम मात्रा में स्थानीय माँग और कुछ घरेलू माँग ही हो रही है। इसलिए वे सीमित स्टॉक खरीद रहे हैं और कीमत के भाव को लेकर भी सतर्क हैं। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी 4,914-5,859 रुपये प्रति क्विंटल में और रूट वेराइटी की हल्दी 4,566-5,439 रुपये प्रति क्विंटल में बेची गयी है।
जीरा वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 13,600-13,750 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। हाजिर बाजारों में कमजोर घरेलू खरीद और कम निर्यात माँग के कारण कीमतों में नरमी का रूझान है। इस बीच राजकोट मंडी में, यूरोपीय गुणवत्ता वाली जीरे की कीमत 2,400-2,450 रुपये सिंगापुर गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतों 2,300-2,400 रुपये सुपर गुणवत्ता गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतों 2,490-2,540 रुपये यूरोप-मुंद्रा गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतों 2,450-2,500 रुपये और सिंगापुर-मुंद्रा गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतों 2,600-2,650 रुपये प्रति 20 किलो है। सभी किस्मों के लिए कीमतें स्थिर रहीं।
धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 6,700-6,750 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में त्यौहारी माँग के कारण धनिया की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी हुई है क्योंकि मसाला निर्माता ताबड़तोड़ खरीदारी में लगे हुये हैं और प्रीमियम गुणवत्ता की आपूर्ति में कमी आयी है। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि मध्य प्रदेश में लगभग 2 सप्ताह की हड़ताल के बाद मंडियों के फिर से शुरू होने के साथ माँग वापस आ गयी है। इस बीच राजस्थान में व्यापारियों ने मंडी शुल्क में कमी की माँग को लेकर विरोध् प्रदर्शन शुरू कर दिया है। (शेयर मंथन, 14 अक्टूबर 2020)
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