भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (Gold Monetisation Scheme) के लिए गुरुवार को जारी दिशानिर्देशों में बैंकों को स्वर्ण जमाओं (Gold Deposite) पर खुद अपनी ब्याज दरें तय करने की छूट दे दी है।
यह योजना देश में निष्क्रिय पड़े 20,000 टन सोने के भंडार का एक हिस्सा बैंकिंग प्रणाली में लाने का प्रयास है।
- स्वर्ण जमा (डिपॉजिट) की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी
- कम-से-कम 30 ग्राम शुद्ध सोना जमा कराना आवश्यक
- जमा का मूल और ब्याज दोनों सोने में ही दर्ज होगा
- जमा करने से पहले होगी शुद्धता की परख
- जमा करते समय पहचान के दस्तावेज (केवाईसी) जरूरी
- छोटी अवधि में 1-3 साल तक के लिए जमा
- मध्यम अवधि में 5-7 साल के लिए जमा
- लंबी अवधि में 12-15 साल के लिए जमा
- न्यूनतम लॉक-इन अवधि होगी
- तय अवधि से पहले सोना वापस लेने पर लगेगा जुर्माना
- जुर्माने का निर्धारण बैंक स्वयं करेंगे
- परिपक्वता पर भुगतान सोने में या रुपये में लेने का विकल्प
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे 5 नवंबर को औपचारिक शुरुआत
- सरकार ने सितंबर में स्वीकृति दी थी इस योजना को
(शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2015)
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