13 जून को होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से कीमतों पर दबाव के बीच सर्राफा के एक दायरे में रहने की संभावना है।
लेकिन अमेरिकी और उत्तर कोरिया सामारिक तनाव के कारण सर्राफ की कीमतों में गिरावट पर रोक लग सकती है। प्रमुख केन्द्रीय बैंक द्वारा मॉनिटरी सख्ती की संभावना से हाल ही में यील्ड में बढ़ोतरी होने से कीमतों पर दबाव पड़ा है। घरेलू बाजार में रुपये में तेज उत्तर-चढ़ाव के कारण सोने की कीमतों अस्थिरता रही है। रुपया 66.6-67.8 के दायरे में रह सकता है। सोने की कीमतों को 31,400 रुपये के स्तर पर बाधा और 31,000 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। जबकि चांदी की कीमतों को 40,700 रुपये के स्तर पर बाधा तथा 40,100 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
निवेशक 13 जून को होने वाली बैठक में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोती को लेकर फैसले और अमेरिका एंव उत्तर कोरिया के बीच होने बैठक के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। फेड फंड द्वारा 2018 में ब्याज में दुसरी बार बढ़ोतरी करने की पूरी उम्मीद है। इसके साथ फेड चेयरमैन पॉवली प्रेस कान्फेंस करेंगे। जिसमें भविष्य की नितीयों को लेकर कुछ संकेत मिल सकते हैं। जीएफएमएस के ऑकड़ों के अनुसार भारत का सोना आयात मई में लगातार पाँचवे महीने कम होकर 48 टन रह गया है क्योंकि घरेलू बाजार में कीमतों के लगभग 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुँचने के कारण सोने की माँग में गिरावट हुई है। अमेरिकी ब्याज दरों बढ़ा कर पहली बार मुद्रस्फीति अधिक किये जाने की संभावना है। (शेयर मंथन, 11 जून 2018)
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