सर्राफा की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
डॉलर के मजबूत होने के कारण सोने की कीमतों पर दबाव रह सकता है, जबकि निवेशकों की नजर अमेरिकी सेंट्रल बैंक द्वारा बेंचमार्क ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर टिकी हुई है। चीन द्वारा अमेरिका के साथ व्यापार के जारी रहने के कारण सर्राफा की कीमतों पर दबाव रह सकता है। सोना की कीमतों को 30,900 रुपये के नजदीक रुकावट और 30,700 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है, जबकि चांदी की कीमतों को 38,600 रुपये के नजदीक बाधा और 37,900 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक द्वारा बेंचमार्क ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये जाने की संभावना है। अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने से डॉलर मजबूत होता है और सोने की कीमतों पर दबाव पड़ता है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद गहाराने का असर वैश्विक वृद्धि के कमजोर होने की आशंका है।
यद्यपि सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद के बीच निवेशकों ने सोने की खरीदारी के बजाय डॉलर की खरीदारी की है, क्योंकि उन्हे भरोसा है कि इस विवाद में अमेरिका को कम नुकसान होने की संभावना है। व्यापार विवाद के बावजूद अमेरिकी कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सितंबर महीने में 18 वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँच गया है। (शेयर मंथन, 26 सितंबर 2018)
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