सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों में 51,800 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 50,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि चांदी की कीमतों में 69,200 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 66,890 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
अमेरिकी डॉलर के फिर से मजबूत होने के कारण आज सोने की कीमतों में गिरावट हुई है लेकिन वैश्विक स्तर पर आर्थिक रिकवरी में तेजी को लेकर संदेह के कारण बुलियन की कीमतें साप्ताहिक स्तर पर बढ़त की ओर अग्रसर है। सोने की हाजिर कीमतें की कीमतें 2 सितंबर के बाद से उच्चतम स्तर 1,965.94 डॉलर पर पहुँचने के बाद 0.3% की गिरावट के साथ 1,947.41 डॉलर प्रति औसतन पर स्थिर है। अमेरिकी सोना वायदा 0.5% गिरकर 1,955.30 डॉलर प्रति डॉलर पर आ गया। इस सप्ताह अब तक सोने में 0.8% की वृद्धि हुई है।
पिछले सत्रा में यूरोप के मुकाबले गिरावट से उबरते हुये डॉलर इंडेक्स ने अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले मजबूत हुआ है जिससे अन्य मुद्राओं के धरकों के लिए सोना महँगा हो गया। यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नही किया है। अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को एक रिपब्लिकन बिल को समाप्त कर दिया, जिसमें कोरोनो वायरस राहत सहायता में लगभग 300 बिलियन डॉलर प्रदान किये जाने का प्रस्ताव था, क्योंकि डेमोक्रेटों ने अधिक धन की माँग करते हुये इसे आगे बढ़ने से रोक दिया था। बेरोजगारी के लाभों के लिए नये दावे दाखिल करने वाले अमेरिकियों की संख्या पिछले सप्ताह उच्च स्तर पर पहुँच गयी जिससे पता चलता है कि कोविड-19 महामारी से श्रम बाजार की रिकवरी बाधित हो रही है। कोरोनोवायरस के कारण आर्थिक मंदी से वैश्विक रिकवरी की प्रगति पर आगे की स्पष्टता के लिए निवेशकों को अब आज ब्रिटिश जीडीपी आँकड़ों और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आँकड़ों का इंतजार है। चांदी की कीमतें 0.3% गिरकर 26.84 डॉलर प्रति औसतन रह गयी। (शेयर मंथन, 11 सितंबर 2020)
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