सर्राफा की कीमतों पर बिकवाली का दबाव रहने की संभावना है। सोने की कीमतों में 51,600 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 50,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि चांदी की कीमतों में काफी अधिक उठापटक हो सकती है और कीमतों में 64,200 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 62,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक बड़े राजकोषीय स्टीमुलस पैकेज पर सहमति को लेकर कुछ आशंका और डॉलर के सात हफ्ते के निचले स्तर से बढ़त दर्ज करने के कारण आज सोने की कीमतों में तेजी गिरावट हुई है। सोने की हाजिर कीमतें 0.2% गिरकर 1,920.86 डॉलर प्रति औसतन के पास कारोबार कर रही हैं जबकि अमेरिकी सोना वायदा 0.3% की गिरावट के साथ 1,924.30 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। अमेरिकी राजकोषीय स्टीमुलस बिल पर कल कुछ प्रगति के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डेमोक्रेट सांसदों पर समझौता नहीं करने का आरोप लगाये जाने के बाद बातचीत को झटका लगा है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के गवर्नर लेल ब्रेनार्ड ने बुधवार को अतिरिक्त राजकोषीय समर्थन की जरूरत पर जोर देते हुये कहा है कि अमेरिकी आर्थिक रिकवरी असमान और अनिश्चित हैं और इसे निरंतर समर्थन की जरूरत है। ब्रिटेन अगले साल की शुरुआत से अरबों डॉलर के व्यापार की रक्षा के लिए आज से यूरोपीय संघ के साथ वार्ता फिर से शुरू करेगा। एक रॉयटर्स पोल के अनुसारी अगले साल सोने की कीमतें एक नयी ऊंचाई को छू सकती है। दुनिया में सोने के सबसे बड़े एक्सचेंज एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग बुधवार को 0.1% गिरकर 1,269.35 टन हो गयी है। चांदी की कीमतें 0.4% गिरकर 24.96 डॉलर प्रति औसतन पर आ गयी। (शेयर मंथन, 22 अक्टूबर 2020)
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