सर्राफा की कीमतों पर बिकवाली का दबाव रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 46,900 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 45,900 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी (मई) की कीमतों में 67,200 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 66,200 रुपये पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नवीनतम बैठक के बाद नीतिगत समर्थन जारी रखने और त्वरित आर्थिक बदलाव की उम्मीद से निवेशकों की जोखिम वाली संपत्ति में निवेश की ओर रुख के कारण सोने की कीमतों में गिरावट हुई है। सोने की हाजिर कीमतें 0.03% की गिरावट के साथ 1,736.76 डॉलर प्रति औसतन के नजदीक कारोबार कर रही हैं जबकि सोना वायदा 0.3% गिरकर 1,736.50 डॉलर प्रति औसतन पर कारोबार कर रहा है। केंद्रीय रिजर्व के अधिकारी कोविड-19 महामारी के खतरों को लेकर चिंतित हैं और बुधवार को जारी केंद्रीय बैंक की हालिया नीति बैठक के मिनटों के अनुसार अर्थव्यवस्था की रिकवरी अधिक स्थिर होने तक समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फरवरी में अमेरिकी व्यापार घाटा रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया, जिससे राजकोषीय प्रोत्साहन में मदद मिली, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को लगभग चार दशकों में सबसे तेज विकास के लिए पटरी पर आने की उम्मीद है। लेकिन डॉलर के कमजोर होने से सोने की कीमतों में गिरावट सीमित रही।
दुनिया में सोने के सबसे बड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, एसपीडीआर गोल्ड ट्रेस्ट की होल्डिंग बुधवार को 1,029.04 टन से 0.35 टन गिरकर 1,028.69 टन हो गयी। पर्थ मिंट में सोने की बिक्री मार्च में कम से कम 2012 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। नेशनल बैंक ऑफ हंगरी (एनबीएच) ने कहा कि इसने देश के सोने के भंडार को 94.5 टन तक बढ़ा दिया है, जो दशकों में इसका उच्चतम स्तर है। चांदी की कीमतें 0.3% गिरकर 25.03 डॉलर पर आ गयी। (शेयर मंथन, 08 अप्रैल 2021)
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