सर्राफा की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 47,000 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 46,600 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी की कीमतों में 69,500 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 68,800 रुपये पर सहारा रह सकता है।
डॉलर तीन महीने के उच्च स्तर पर कारोबार करने के कारण आज सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी है। निवेशक इस सप्ताह के अंत में जारी होने वाले अमेरिकी रोजगार के आँकड़ों का इंतजार कर रहे थे जिससे मौद्रिक नीति की दिशा तय होगी। सोने की हाजिर कीमतें 0.1% की गिरावट के साथ 1,769.11 डॉलर प्रति औसतन के नजदीक कारोबार कर रही हैं। अमेरिकी सोना वायदा 0.2% गिरकर 1,768.10 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। डॉलर पिछले सत्र में तीन महीने के उच्च स्तर के पास कारोबार कर रहा है। डॉलर के मजबूत होने के कारण अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोना अधिक महँगा हो जाता है। जून में अमेरिकी निजी पेरोल उम्मीद से अधिक बढ़ गये क्योंकि कंपनियों ने फिर से खुलने वाली अर्थव्यवस्था के बीच उत्पादन और सेवाओं को बढ़ावा देने की कोशिश की है।
फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ डलास के अध्यक्ष रॉबर्ट कपलान ने बुधवार को कहा कि वह चाहते हैं कि फेड साल के अंत से पहले अर्थव्यवस्था के लिए अपना समर्थन कम करना शुरू कर दे, ताकि बाद में अचानक नीति को कम करने की संभावना कम हो। निवेशक अब आज जारी होने वाले अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। भारत ने पॉम तेल, सोया तेल, सोना और चांदी के आधार आयात मूल्य में कमी की है, क्योंकि विदेशी बाजार में कीमतों में गिरावट आयी है। चांदी की कीमतें 0.1% बढ़कर 26.14 डॉलर प्रति औसतन हो गयी। (शेयर मंथन, 01 जुलाई 2021)
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