अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आर्थिक समर्थन को कम नहीं करने और निकट अवधि में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं करने के संकेत के कारण पिछले सप्ताह में सोने की कीमतों में 1% से अधिक की वृद्धि हुई।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को समर्थन करने की स्थिति में आने से पहले अमेरिकी श्रम बाजार में अभी भी रिकवरी करने के लिए गुंजाइश बची हुई है। आँकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पिछली तिमाही में 6.5% वार्षिक दर से बढ़ी, जो पॉवेल के विचारों को पुष्ट करता है और अर्थशास्त्रिायों के सर्वेक्षणों के 8.5% की वृद्धि के पूर्वानुमान से कम है। डॉलर इंडेक्स एक महीने के निचले स्तर पर फिसलने से भी सोने की कीमतों को मदद मिली है। मौद्रिक नीति को लेकर बढ़ती अनिश्चितता, मुद्रास्फीति और इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के बढ़ते जोखिम से सुरक्षित-संपत्ति के रूप सोने की माँग बढ़ सकती है। चांदी की कीमतें 2.8% बढ़कर 25.62 डॉलर प्रति औसतन पर पहुँच गयी, जो 16 जुलाई के बाद उच्चतम स्तर है। लेकिन छोटी अवधि में, विकासशील बाजारों में उछाल के साथ ही डॉलर के कमजोर होने और चांदी के आभूषणों की माँग में सुधार से कीमतों को समर्थन मिला है। सौर पैनलों, ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) और चार्जिंग पॉइंट्स में इसके उपयोग के कारण विद्युतीकरण प्रक्रिया से चांदी के लाभान्वित होने की संभावना है।
दुनिया में सोने के सबसे बड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग 0.6% बढ़कर 1,031.46 टन हो गयी, जो लगभग एक महीने में पहली बढ़ोतरी है। इस सप्ताह के आगे, हम कीमतों में भारी अस्थिरता देख सकते हैं और सोने की कीमतें 45,900-49,900 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 65,900-70,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कोमेक्स में सोने की कीमतें 1,790-1,890 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है और चांदी की कीमतें 23.90-26.90 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2021)
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