सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 46,400 रुपये के स्तर अड़चन के साथ 45,700 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 61,500 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 60,100 रुपये पर सहारा रह सकता है।
डॉलर के मजबूत होने के कारण आज सोने की कीमतें लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट की ओप अग्रसर है क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व की महामारी-युग के प्रोत्साहन उपयों में कमी को लेकर समय-सीमा के संकेतों का इंतजार कर रहे है। मजबूत अमेरिकी आर्थिक आँकड़ों के बाद प्रमुख करेंसियों के मुकाबले डॉलर तीन सप्ताह के उच्च स्तर के पास पहुँच गयी। अगस्त में अमेरिकी खुदरा ब्रिकी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी, तिसरी-तिमाही में आर्थिक विकास में तेज गिरावट की संभावना कम हो गयी। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की दो दिवसीय नीति बैठक 21-22 सितंबर को होने वाली है और यह संकेत दे सकती है कि केंद्रीय बैंक कब अपनी संपत्ति खरीद वापस लेना शुरू कर देगा।
फाइनेंशियल टाइम्स ने गुरुवार को कहा कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री फिलिप लेन ने जर्मन अर्थशास्त्रीयों के साथ एक निजी बैठक में खुलास किया कि 2025 तक अपने 2% मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने की उम्मीद है। गुरुवार को एक महीने से अधिक के निचले स्तर पर पहुँचने के बाद चांदी की कीमतों 22.93 डॉलर प्रति औसतन पर सपाट है। (शेयर मंथन, 17 सितम्बर 2021)
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