अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरीं के बाद सोने की कीमतें पाँच महीने के उच्च स्तर के करीब पहुँच गयी, जिससे मुद्रास्फीति के मुकाबले बचाव के रूप में देखी जाने वाली सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी।
अक्टूबर में अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों में 31 वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ोतरी के बाद, जून के मध्य के बाद से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी, जिससे यह संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति 2022 तक असहज रूप से उच्च स्तर पर बनी रह सकती है। कम प्रोत्साहन और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से सरकारी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि होती है, जिससे सोने की अवसर लागत बढ़ जाती है। प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा पिछले सप्ताह में ब्याज दरें निकट अवधि में कम रहने के संकेत दिये जाने के बाद पिछले कुछ सत्रों में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। फेडरल रिजर्व ने अपने रुख को बनाये रखा है कि मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी क्षणिक है। लेकिन तब से फेड अधिकारियों ने लंबे समय तक चलने वाली मुद्रास्फीति के बारे में चिंता जताई है। चांदी की कीमतें 25.390 डॉलर प्रति औसतन पर पहुँच गयी, जो 6 अगस्त के बाद उच्चतम स्तर है। अक्टूबर में अमेरिकी उत्पादक कीमतों में ठोस वृद्धि हुई, जो गैसोलीन और मोटर वाहन खुदरा बिक्री के लिए बढ़ती लागत से प्रेरित है, जिससे पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखलाओं के बाधित रहने से उच्च मुद्रास्फीति कुछ समय के लिए जारी रह सकती है। डॉलर इंडेक्स जुलाई 2020 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, जिससे अन्य मुद्राओं को रखने वाले खरीदारों के लिए लागत बढ़ने से सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा। लेकिन 7 मई के बाद से कीमतें अभी भी अपने सबसे बड़े साप्ताहिक बढत की ओर अग्रसर है, क्योंकि अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों ने पिछले महीने 30 वर्षों में सबसे तेज की छलांग दर्ज की है।
इस सप्ताह एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 48,500-50,500 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं और कॉमेक्स पर 1,820-1,900 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। एमसीएक्स पर चांदी की कीमतें 66,000-70,200 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि कॉमेक्स पर तेजी के रुझान के साथ 24.90 डॉलर से 26.10 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 15 नवंबर 2021)
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