बुलियन काउंटर पर पूरे हफ्ते दबाव में रहा, जहाँ अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की उस टिप्पणी के बाद सोना एक महीने के निचले स्तर पर आ गया, जिसमें मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने की जरूरत पर टिप्पणी की गयी थी, जिससे तेजी से मौद्रिक नीति को सख्त बनाने और सर्राफा में ओमाइक्रोन के कारण सुरक्षित-निवेश में बढ़ोतरी को भरपायी करने की आवश्यकता थी।
अपनी गवाही के दूसरे दिन में पॉवेल ने कहा कि फेड को इस संभावना का जवाब देने के लिए तैयार रहने की जरूरत है कि 2022 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति कम नहीं हो सकती है और केंद्रीय बैंक इस महीने अपनी बैठक में अपनी बांड खरीद की तेजी से कमी पर विचार करेगा। बॉन्ड-खरीद कार्यक्रम के तेजी से बंद होने को व्यापक रूप से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के द्वार खोलने के रूप में देखा जाता है, जिससे गैर-यील्ड वाले सोना रखने की अवसर लागत को बढ़ाएगा। बॉन्ड-खरीद कार्यक्रम में तेजी से कमी की संभावना से सर्राफा की बढ़त पर रोक लग सकती है और अमेरिकी डॉलर और ट्रजरी यील्ड को बढ़ावा दे सकती है। दूसरी ओर, ओमाइक्रोन कोरोना वायरस जिसने दुनिया भर के देशों को सख्त प्रतिबंधें की योजना बनाने के लिए मजबूर किया है, को लेकर चिंताओं से सोने की कीमतों में गिरावट पर रोक लगी। ओमाइक्रोन कोरोना वायरस वैरिएंट ने आर्थिक सुधार की गति को लेकर आशंकाओं को जन्म दिया है, जो जोखिम की भावना पर आधारित है। लेकिन मौद्रिक नीति में सख्ती और डॉलर की मजबूती की बढ़ती संभावना से कीमतों पर दबाव रह सकता हैं, लेकिन मुद्रास्फीति अच्छी तरह से बढ़ने की संभावना है और इससे मध्यम अवधि में सोने की कीमतों को मदद मिलना चाहिये। टेक्निकल स्तर पर, कॉमेक्स पर सोने की कीमतें 1,760 डॉलर के सहारा स्तर के पास कारोबार कर रही है। इस स्तर के नीचे टूटने और बने रहने से निकट भविष्य में कीमतों में अधिक गिरावट आ सकती है।
एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 46,600-49,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं, और चांदी की कीमतें 58,500-62,900 रुपये के दायरे में काफी अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2021)
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