10-वर्षीय यू.एस ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी, जिससे ब्याज रहित सोना रखने की अवसर लागत अधिक हो जाती है।
के कारण सोने की कीमतों में पिछले 6 वर्षो में सबसे अधिक गिरावट हुई है। 2015 के बाद से सोने की कीमतों में इस वर्ष अब तक 4% से अधिक की गिरावट हुई है क्योंकि अर्थव्यवस्थायें महामारी के प्रभाव से उबर गयी हैं, जिससे सुरक्षित-निवेश के लिए सोने की माँग कम हो गयी है। बेंचमार्क 10-वर्षीय यू.एस ट्रेजरी की यील्ड कल एक महीने के उच्च स्तर से कम हो गयी और कई कारोबारी नये साल के जश्न से पहले बाजार से बाहर हो गये। डॉलर इंडेक्स एक महीने के निचले स्तर से दूर चला गया क्योंकि निवेशकों ने ओमाइक्रोन कोविड-19 वैरिएंट मामलों में उछाल को नजरन्दाज किया और जोखिम वाली मुद्राओं का समर्थन किया। डॉलर के मजबूत होने से अन्य मुद्रायें रखने वाले खरीदारों के लिए सोना महँगा हो गया है। ओमाइक्रोन के प्रसार ने नये साल में आउटलुक को धूमिल कर दिया। अमेरिकी बेरोजगारी लाभ के साप्ताहिक दावों में गिरावट सहित मजबूत अमेरिकी डेटा आँकड़ों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड.19 संक्रमणों में भारी उछाल से आर्थिक नुकसान की आशंकाओं को दूर किया। नये साल के जश्न के दौरान काफी कम वॉल्यूम के साथ कारोबार हो रहा है और सोने की कीमतें 1,800 डॉलर के नजदीक कारोबार कर रही है जो किसी भी दिशा में जा सकती है और अगले सप्ताह वॉल्यूम बढ़ने की उम्मीद है।
तकनीकी स्तर पर सोने की कीमतें 47,000-48,500 रुपये के कम दायरे में कारोबार कर रही है। दोनों तरफ का ब्रेक काउंटर में अगले ट्रेंड को परिभाषित करेगा। कोमेक्स में सोने की कीमतों को 1,810 डॉलर के स्तर पर मजबूत अड़चन का सामना करना पड़ रहा है। यदि कीमतें इस स्तरों से ऊपर बनी रहती हैं तो हम खरीदारी देख सकते हैं। इस सप्ताह में सोने की कीमतें 47,500-48,600 रुपये के सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं। चांदी में भी निचले स्तर की खरीदारी हो सकती है और कीमतें 61,100-63,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 03 जनवरी 2022)
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