रूस और यूक्रेन के बीच उच्च स्तरीय वार्ता के बाद भी सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी है।
बाजार जोखिम से बचने की स्थिति में वापस जा रहा है क्योंकि रूस यूक्रेन पर अपने हमले को जारी रखने के लिए तैयार है। ऐसा प्रतीत होता है कि सोने की कीमतें 2,000 डॉलर के स्तर के आसपास टिकी हुई हैं, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम होने की संभावना कम होने से अगर वॉल स्ट्रीट पर अधिक दबाव बढ़ता है, तो इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। सोने की कीमतों को 1,975 डॉलर के स्तर पर मजबूत सहारा है और 2,050 डॉलर के आसपास अस्थायी अड़चन है। नवीनतम मुद्रास्फीति रिपोर्ट में सोने के लिए बहुत कुछ नहीं है, लेकिन यह सकेत करता है कि मुद्रास्फीति का जो जोखिम बना रहता है तो विकास की चिंता से अंततः सर्राफा की सुरक्षित निवेश के लिए माँग बढ़ जायेगी। इस सप्ताह की शुरुआत में सुरक्षित संपक्तियों की भारी माँग के कारण सोने की कीमतें फिर से अगस्त 2020 में दर्ज रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी थी।
निवेशकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के फरवरी के मुद्रास्फीति के आँकड़ों का भी जायजा लिया, जो उम्मीदों के अनुरूप था, लेकिन जनवरी 1982 के बाद से साल-दर-साल सबसे अधिक रहा। सोने के तेजड़ियों ने कीमतों को एक सप्ताह के पहले रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँचने में बहुत अधिक ऊर्जा की। अब, मुद्रास्फीति के आँकड़ों से कीमतों को बहुत अधिक मदद नही मिल रही है क्योंकि कीमतों की तेजी की रफ्तार थम गयी है। तेल और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि के मुकाबले, निवेशक अब 16 मार्च को फेडरल रिजर्व के अगले नीतिगत बयान का इंतजार कर रहे हैं। कुल मिलाकर चार्ट पर सोने की कीमतें सकारात्मक है और तकनीकी रूप से बढ़त की ओर इशारा कर रही है, इसलिए किसी भी गिरावट की स्थिति में सहारा के पास खरीदारी की जा सकती है। इस सप्ताह में सोने की कीमतों को 50,500 रुपये के पास सहारा ले सकता है और 54,200 रुपये के पास रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। काउंटर में उच्च अस्थिरता की उम्मीद है। चांदी की कीमतों को 67,500 रुपये के करीब सहारा मिल रहा है और इसे 72,000 रुपये के करीब रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। (शेयर मंथन, 14 मार्च 2022)
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