सर्राफा में तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार होने की संभावना है।
सोने की कीमतों को 51,500 रुपये पर सहारा और 52,000 रुपये पर बाधा रह सकता है। चांदी की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है और कीमतों को 68,900 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 68,000 रुपये पर सहारा रह सकता है। यूक्रेन संकट के गहराने के कारण सुरक्षित निवेश के लिए बुलियन की माँग के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और ट्रेजरी की यील्ड के कई वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँचने के कारण आज सोने की कीमतें सपाट है। बुधवार को डॉलर इंडेक्स में तेजी आयी, जिससे अन्य मुद्रा धारकों के लिए सोना कम आकर्षक हो गया। बेंचमार्क 10-वर्षीय ट्रेजरी नोट पर यील्ड मई 2019 के बाद नये उच्च स्तर पर पहुँच गयी है। उच्च मुद्रास्फीति से कीमती धातुओं को मदद मिल रही है और यह जल्द ही दूर नहीं होने वाली है।
बॉन्ड यील्ड बढ़ने से सोने की कीमतों की बढ़त सीमित हो रही है। फेड अधिकारी मुद्रास्फीति में वृद्धि को रोकने के लिए तेज ब्याज दरों में वृद्धि के लिए बाजार की उम्मीदों को आकार देने में मदद कर रहे हैं, लेकिन इस डर को दूर करने में कामयाब नहीं हुये हैं कि दरों में वृद्धि से अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार की गति बाधित हो सकती है। दुनिया में सोने के सबसे बड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग्स बुधवार को 0.4% बढ़कर 1,087.66 टन हो गया जो 26 फरवरी, 2021 के बाद से यह उच्चतम है। (शेयर मंथन, 24 मार्च 2022)
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