बेस मेटल की कीमतों के एक दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
घरेलू बाजार में रुपये के कमजोर रहने से कीमतों को मदद मिल सकती है। डॉलर के मुकाबले रुपया 72.91 के निचले स्तर पर पहुँच गया है, जो मेटल की कीमतों के लिये काफी निर्णायक कारक हो सकता है। चीन के कमजोर आर्थिक आँकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ में लगातार बढ़ोतरी करने के कारण चीन की आर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ रहा है, जिसके कारण चीन की ओर से बेस मटल की माँग में कमी की आशंका है।
इस बीच तांबे की कीमतों को 425 रुपये के नजदीक सहारा और 435 रुपये के नजदीक बाधा रह सकती है। अमेरिका द्वारा चीन के 200 बिलियन डॉलर के उत्पादों पर नया टैरिफ लगाये जाने की घोषण के बाद आज लंदन में तांबे की कीमतों में गिरावट हुई है। वहीं जिंक की कीमतों को 165 रुपये के नजदीक सहारा और 170 रुपये के स्तर पर रुकावट, निकल की कीमतों को 880 रुपये के नजदीक सहारा और 904 रुपये स्तर पर अड़चन, लेड़ की कीमतों को 145 रुपये के नजदीक सहारा और 152 रुपये के नजदीक बाधा रह सकती है।
एल्युमीनिय की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है और इसे 144 रुपये के नजदीक सहारा और 148 के नजदीक रुकावट रह सकती है। अमेरिका ने रूसी कंपनी रूसल पर अप्रैल में लगाये प्रतिबंध में छूट देकर राहत प्रदान की है। (शेयर मंथन, 18 सितंबर 2018)