कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना हैं और कीमतों को 2,970 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,730 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश में कोरोना वायरस प्रकोप के बढ़ने आर्थिक सुधार की गति धीमी रहने और माँग में कमी आने की आशंका से तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों के 1 मिलियन से अधिक हो जाने के कारण बेंचमार्क अमेरिकी कच्चा तेल वायदा 3.2% गिर गया और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें अपने 100-दिवसीय मूविंग एवरेज से नीचे आ गयी। माँग में रिकवरी को लेकर चिंताओं के साथ ही बाजार ओपेक प्लस सदस्यों की ओर से आपूर्ति में वृद्धि को लेकर परेशान है। रूस ने ओपेक प्लस द्वारा तय कोटे से अधिक तेल का उत्पादन कर रहा है इसलिए बाजार को चिंता है कि समूह बाजार के अनुमान की तुलना में अधिक आपूर्ति कर सकता है। व्यापारियों ने मंगलवार को कहा कि माँग में गिरावट का मुकाबला करने के लिए पेट्रोलियम निर्यातक देशों के तेल उत्पादन में वृद्धि की संभावना नहीं है। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल के स्टॉक में अनुमान से अधिक गिरावट हुई जबकि गैसोलीन के भंडार में वृद्धि हुई है।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक रह सकती है और कीमतों में 179 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 198 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। अमेरिका के पूरे पश्चिम में मौसम के सामान्य से अधिक गर्म होने की उम्मीद के कारण नेचुरल गैस की कीमतों में मंगलवार को 8% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। (शेयर मंथन, 30 सितंबर 2020)