बेस मेटल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं। तांबे की कीमतें 596 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 590 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
आज सुबह एसएचएफई में बेस मेटल की कीमतों में तेजी का रुझान है क्योंकि चीन में वैक्सीन प्रति मार्किट मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के जनवरी में धीमी गति से बढ़ोतरी हुई है जबकि लंदन में बेस मेटल की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। चीन का कैक्सिन प्रति मार्किट मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) पिछले महीने 51.5 पर आ गया, जो पिछले साल जून के बाद का सबसे निचला स्तर है और दिसंबर के 53.0 से कम है। एलएमई द्वारा प्रमाणित गोदामों में तांबे का स्टॉक सितंबर के बाद से सबसे कम 76,350 टन रहा है। शीर्ष उपभोक्ता चीन से मैन्युफैक्चरिंग आँकड़ों के अनुमान से कम रहने के बाद माँग में वृद्धि धीमी रहने की आशंका के कारण कल तांबे की कीमतों में गिरावट हुई लेकिन भंडार में गिरावट के कारण कीमतों में गिरावट सीमित रही।
जिंक की कीमतें 207 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 203 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। लेड की कीमतें 163 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 159 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। एलएमई के गोदामों के भंडार में हाल ही में उछाल से जिंक की कीमतों पर दबाव पड़ा है। इंटरनेशनल लेड और जिंक स्टडी ग्रुप ने कहा है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर रिफाइंड जिंक बाजार में 4,63,000 टन सरप्लस रहने की उम्मीद है। निकल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना है और कीमतों को 1,285 रुपये के पास समर्थन के साथ 1,307 रुपये के स्तर पर अड़न रह सकता है। 2020 में, इंडोनेशिया से चीन के निकल पिग आयरन का आयात, जो अभी भी निर्यात किया जा सकता है, वर्ष-दर-वर्ष 100.9% बढ़कर 2.73 मिलियन टन हो गया।
एल्युमीनियम की कीमतों में 163 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 159 रुपये तक गिरावट हो सकती है। चीन से एल्युमीनियम स्क्रैप के लिए भारत डंपिंग ग्राउंड बन रहा है। वित वर्ष 2020 में अमेरिका से भारत में एल्युमीनियम स्क्रैप के आयात में वित वर्ष 2015 के स्तर की तुलना में 327 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (शेयर मंथन, 02 फरवरी 2021)