कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,950 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,860 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
प्रमुख उत्पादकों द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुसार कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती किये जाने के कारण आज तेल की कीमतों में लगभग 1% की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान कमजोर माँग के कारण तेल की कीमतों भारी गिरावट हुई थी। रॉयटर्स सर्वेक्षण के अनुसार ओपेक समूह और उसके सहयोगियों द्वारा तेल आपूर्ति प्रतिबंधें को कम किये जाने पर सहमत होने के बाद जनवरी में सातवें महीने में ओपेक के तेल उत्पादन में वृद्धि हुई। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन जनवरी में प्रति दिन 25.75 मिलियन बैरल का उत्पादन कर रहा है जो दिसंबर के उत्पादन से 1,60,000 मिलियन बैरल प्रति दिन अधिक है। जनवरी में रूस के तेल उत्पादन में वृद्धि हुई लेकिन उत्पादन कम करने के समझौते के अनुरूप हुई है जबकि कजाकिस्तान में तेल उत्पादन में गिरावट हुई है। दोनों देश ओपेक प्लस समूह के सदस्य हैं।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेज उठापटक होने की संभावना है और कीमतों को 211 रुपये के स्तर पर बाधा और 194 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 02 फरवरी 2021)