कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों को 5,860 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,740 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अप्रत्याशित वृद्धि के दबाव के कारण आज तेल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट हुई, जिससे कीमतों के कई वर्षो उच्च स्तर पर रुकने के बाद माँग को लेकर चिंता बढ़ गयी। अमेरिकी एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) ने कहा कि पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 2.3 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी हुई, जबकि 4,18,000 बैरल की मामूली गिरावट का अनुमान था। गैसोलीन के भंडार में भी वृद्धि हुई, जबकि डिस्टीलेड के भंडार में थोड़ी गिरावट आई। इस वर्ष तेल की कीमतें पहले ही 50% से अधिक बढ़ चुकी हैं, जिससे मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हुई है जो कच्चे तेल की खपत वाले देशों की महामारी से हो रही रिकवरी को पटरी से उतार देगा।
वैश्विक स्तर पर नेचुरल गैस की कीमतें बढ़ने के साथ, बिजली उत्पादक गैस के बजाय ईंधन तेल या डीजल की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे तेल की कीमतें अधिक हो गयी हैं। नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 425 रुपये के स्तर पर सहारा और 445 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 07 अक्टूबर 2021)