
ब्रोकिंग कंपनी जिरोधा और उसके एक ग्राहक के बीच हाल ही घटा एक दिलचस्प वाक्या हुआ, जिसके बाद कंपनी के सह-संस्थापक नितिन कामथ की तारीफ की जा रही है। हम कामथ और उनके एक यूजर के बीच की समस्या और समाधान की ओर आपका ध्यान खींचना चाहते हैं। मामला दिलचस्प है इसलिए जरा ध्यान से पढ़ियेगा।
क्या है मामाला?
पेशे से प्रोडक्ट मैनेजर सचिन झा बेंगलुरु में रहते हैं। उनकी धर्मपत्नी भी नौकरी करती हैं। सचिन के समाने एक परेशानी तब खड़ी हो गयी जब उनकी पत्नी ने एक निवेश बैंक को जॉइन कर लिया। बैंक ने कहा कि उसके सख्त कंप्लायंस निर्देश हैं कि किसी भी कर्मचारी के परिवार को उन सभी ब्रोकर्स के खाते बंद करने पड़ेंगे जो फिजिकल बैंक टैग से जुड़े नहीं हैं। दुर्भाग्यवश जिरोधा इसी श्रेणी में आता है। लिहाजा सचिन को अपना जिरोधा का डीमैट खाता बंद करना पड़ा। इस मामले पर उन्होंने नितिन कामथ को एक ईमेल भी किया। सचिन के मुताबिक उन्होंने ये उम्मीद कभी नहीं की थी कि कामथ उन्हें जबाव देंगे। लेकिन हुआ उम्मीद के बिल्कुल उलट, कामथ ने जवाब दिया और वो भी सिर्फ 10 मिनट में।
क्या बोले नितिन कामथ?
नितिन कामथ ने सचिन को ईमेल के जरिये जबाव दिया। उन्होंने सचिन की दिक्कत को न सिर्फ माना बल्कि अपनी टीम को इस ओर काम करने के लिए तुरंत लगा भी दिया। अपने जबाव में कामथ ने कंप्लायंस गैप और इसमें सुधार की जरूरत को स्वीकार किया। उन्होंने सचिन से कहा कि अगर संभव हो तो वह उनकी पत्नी के बैंक के प्रबंधन से संपर्क करने में उनकी मदद करें ताकि वो कंप्लायंस साझेदारी को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि वो और उनकी कंपनी इस ममाले का जल्द से जल्द हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
(शेयर मंथन, 25 मार्च 2025)
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