
मान लीजिये कि आप 5-7 लाख रुपये की रकम को कहीं निवेश करने का विचार कर रहे हैं। आपने दो विकल्प भी सोच रखे हैं। पहले हैं पोस्ट ऑफिस में सावधि जमा (एफडी) और दूसरा है म्यूचुअल फंड में निवेश। एफडी में जोखिम नहीं होगा लेकिन ब्याज सीमित मिलेगा, वहीं म्यूचुअल फंड्स में जोखिम होगा लेकिन रिटर्न भी अच्छा मिलने की उम्मीद होगी।
तो चलिये आपकी इस उलझन को सुलझाने की कोशिश करते हैं। दोनों के ही नफे-नुकसान के बारे में बात करने के साथ ही ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि कौन सा निवेश किसके लिए ज्यादा सही है। तो सबसे पहले बात पोस्ट ऑफिस एफडी की।
पोस्ट ऑफिस एफडी
ये विकल्प उन लोगों के लिए सही होता है जो अपने निवेश में किसी तरीके का जोखिम नहीं चाहते हैं और जिनके लिए एक तय दर से रिटर्न मिले, भले ही वो कम हो, चलता है। एफडी में एक निश्चित दर से ब्याज मिलता है, जो एक तय अवधि के लिए होता है यानी एफडी में लॉक-इन होता है। इस अवधि से पहले पैसे निकालने पर बैंक को जुर्माना देना पड़ता है।
एफडी का फायदा
इसका सबसे बड़ा फायदा इसकी स्थिरता है और अनुमान लगाने योग्य रिटर्न है। साथ ही 5 साल के लिए एफडी में निवेश पर टैक्स में छूट का फायदा भी मिलता है। इसमें मिलने वाला ब्याज भले ही सालाना आधार पर आपके खाते में जाता है लेकिन बैंक उसकी गणना तिमाही आधार पर करता है। इसकी एक और खासियत ये भी है कि आप सिर्फ 1000 रुपये से भी 1, 2, 3 और 5 साल के लिए एफडी कर सकते हैं। अब अगर आप 5 साल के लिए एफडी करते हैं तो आपको 7% की दर से ब्याज मिलेगा। यानी 5 लाख रुपये 5 साल बाद हो जायेंगे 7,07,389 रुपये और 7 लाख रुपये हो जायेगे 9,90,345 रुपये।
म्यूचुअल फंड्स
म्यूचुअल फंड्स भी निवेशक की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। कुछ म्यूचुअल फंड्स सिर्फ इक्विटी में निवेश करते हैं तो कुछ सिर्फ बॉन्ड और सिक्योरिटीज में। निवेशक अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर म्यूचुअल फंड योजना का चुनाव कर सकता है। अभी तक म्यूचुअल फंड ने हमेशा एफडी से ज्यादा ही रिटर्न दिया है। ये बात और है कि इसमें शेयर बाजार का जोखिम निहित होता है। अगर आपको लंबी अवधि के लिए निवेश करना है तो इसे निवेश का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें छोटी छोटी रकम को जोड़कर बड़ी रकम आसानी से बनाई जा सकती है।
म्यूचुअल फंड्स के फायदे
इसमें आपको हर हाल में एफडी से ज्यादा रिटर्न देखने को मिलेगा। तरलता भी बनी रहेगी और ईएलएसएस फंड्स में निवेश कर टैक्स में छूट का फायदा भी उठा सकते हैं। इसमें एक निवेशक को बाहर निकलने की भी सुविधा मिलती है। एक निवेशक मौजूदा एनएवी के आधार पर जब चाहे फंड से बाहर निकल सकता है।
आप इसमें अगर 5 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश करते हैं तो औसतन 12% की दर से भी रिटर्न मिलता है तो 5 साल बाद आपको 8,81,171 रुपये मिलेंगे। और 7 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश करते हैं तो आपको 12,33,639 रुपये आपके खाते में क्रेडिट होंगे।
अब सबसे बड़ा सवाल कौन किसके लिए सही?
अगर आपकी प्राथमिकता सुरक्षा है और कम रिटर्न से भी आपका गुजारा हो जायेगा तो आपके लिए एफडी ही बेहतर रहेगी। वहीं, अगर आप आपने पैसे को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं, एफडी से ज्यादा रिटर्न चाह है और आप थोड़ा जोखिम उठाने के लिए भी तैयार हैं तो आपके लिए म्यूचुअल फंड्स ही सही है।
मोटे तौर पर कहा जाता है कि युवाओं के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना सही है। वहीं, सेवानिवृत्त हो चुके या होने वाले निवेशकों के लिए एफीडी पूँजी को सुरक्षित रखने के लिहाज से ज्यादा बेहतर विकल्प साबित होगी।
(शेयर मंथन, 28 मार्च 2025)
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