कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 4,950-5,050 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के प्रसार से वैश्विक अर्थव्यवस्था और ईंधन की माँग पर असर पड़ने की आशंका से ओपेक प्लस द्वारा आपूर्ति में वृद्धि को रोक दिए जाने की संभावना से आज तेल की कीमतों में बढ़त देखी गयी है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन और उसके सहयोगी, जिसे ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, आज यह तय करेगा कि बाजार में पहले की योजना के अनुसार अधिक तेल जारी किया जाये या आपूर्ति पर रोक लगाई जाये। अगस्त के बाद से, समूह हर महीने वैश्विक आपूर्ति में अतिरिक्त 4,00,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) उत्पादन बढ़ा रहा है। कोरोना के नये संस्करण ने हालाँकि, निर्णय लेने की प्रक्रिया को जटिल कर दिया है, लेकिन कुछ पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि ओपेक प्लस आपूर्ति वृद्धि को धीमा करने के प्रयास में जनवरी में बढ़ोतरी को रोक सकता है। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पता चलने के चार सप्ताह से भी कम समय के बाद ओमाइक्रोन तेजी से प्रमुख कोरोना वायरस बन रहा है। अमेरिकी उप ऊर्जा सचिव डेविड तुर्क ने कहा कि अगर वैश्विक ऊर्जा की कीमतों में भारी गिरावट आती है तो राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन रणनीतिक कच्चे तेल के भंडार की योजनाबद्ध जारी के समय को समायोजित कर सकता है। ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) के अनुसार 26 नवंबर को समाप्त में कच्चे तेल के भंडार में 9,10,000 बैरल की गिरावट हुई है जबकि रॉयटर्स पोल में 1.2 मिलियन बैरल की गिरावट की उम्मीद थी।
नेचुरल गैस की कीमतों में दोनों तरफ कारोबार की संभावना है और कीमतों को 315 रुपये के स्तर पर सहारा और 325 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 02 दिसंबर 2021)