बेस मेटल की कीमतों में मिला-जुला रुझान रहने की संभावना हैं। तांबे की कीमतों के 715-730 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
ओमाइक्रोन कोरोना वायरस से औद्योगिक धातुओं की माँग के प्रभावित होने की आशंका से और चीन में धीमी वृद्धि दर के कारण कल तांबे की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी। चीन के तीन डेवलपरों ने संयुक्त रूप से 18 बिलियन युआन (2.83 बिलियन डॉलर) जुटाने के लिए चीन में बॉन्ड बेचने की योजना बनायी है, जिससे इस क्षेत्र में लिक्वीडिटी की कमी कम हो सके। इलेक्ट्रिक वाहनों और पवन टर्बाइनों के साथ-साथ नयी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में हरित परिवर्तन के लिए अधिक तांबे की आवश्यकता होगी, भले ही एक फैलने वाली महामारी सख्त प्रतिबंध लगा दे। दुनिया के सबसे बड़े तांबा उत्पादक, चिली के कोडेल्को को उम्मीद है कि 2022 में तांबे की कीमतों में गिरावट आयेगी और 2024 तक बाजार में अधिक आपूर्ति रहेगी। आपूर्ति में रुकावट और बिजली कटौती में कमी आयी है, लेकिन विनिर्माण क्षेत्र में लगातार नरमी अर्थव्यवस्था के अधिक धीमे होने की ओर इशारा करती है।
जिंक में बिकवाली होने की संभावना है और कीमतों को 270 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 266 रुपये, लेड की कीमतें 183-187 रुपये, निकल में बिकवाली हो सकती है और कीमतों को 1,510 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,550 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। डीएमसीआई होल्डिंग्स इंक की डीएमसी.पीएस खनन इकाई द्वारा संचालित फिलीपींस की बेरोंग निकल खदान, साल के अंत तक पूरी तरह से समाप्त हो जाने की उम्मीद है और इसे बंद कर दिया जायेगा।
एल्युमीनियम की कीमतों को 211 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 205 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। आँकड़ों से पता चलता है कि एलएमई के पंजीकृत गोदामों में ऑन-वारंट एल्युमीनियम का भंडार 16% बढ़कर 6,77,225 टन हो गया है। (शेयर मंथन, 03 दिसंबर 202)