कोरोना वायरस के एक नये प्रकार के बढ़ते संक्रमण के दबाव के कारण बेस मेटल के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है।
बेस मेटल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है क्योंकि अमेरिकी ट्रेजरी बांड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी से इस काउंटर पर दबाव रह सकता हैं।
माँग को लेकर चिंता के कारण बेस मेटल की कीमतें नरमी के रुझान के साथ एक दायरे में कारोबार कर सकती हैं क्योंकि शीर्ष धातु उपभोक्ता चीन में फैक्ट्री गतिविधि में पिछले महीने दो साल में सबसे तेज गति से गिरावट और कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी और संबंधित प्रतिबंधें से माँग प्रभावित हुई है।
दुनिया के शीर्ष धातु उपभोक्ता द्वारा कीमतों में अनुचित वृद्धि को रोकने और उसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ने से रोकने के लिए कमोडिटीज की आपूर्ति और माँग के प्रबंधन को मजबूत करने के बयान के बाद बेस मेटल की कीमतों पर नरमी का दबाव रहने की संभावना है।
बेस मेटल की कीमतें नरमी के रुझान और अधिक उठापटक के साथ कारोबार कर सकती है। शीर्ष उपभोक्ता चीन में अनुमान से कमजोर आर्थिक आँकड़ों के बाद विकास को बढ़ावा देने के लिए और अधिक लचीली मौद्रिक नीति लागू करने की संभावना से कीमतों को मदद मिल सकती है।
बेस मेटल की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों के रुझान पर बेस मेटल की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है।
एमसीएक्स प्लेटफॉर्म पर मेटलडेक्स पिछले सप्ताह बढ़कर 17,064 रुपये पर बंद हुआ है।
बेस मेटल की कीमतों के एक दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं, लेकिन उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बेस मेटल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ एक दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं डॉलर के कमजोर होने, एलएमई में भंडार में गिरावट और जुलाई में बेहतर औद्योगिक आँकड़ों के बाद चीन की ओर से माँग में रिकवरी होने से कीमतों को मदद मिल सकती है।
बेस मेटल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं।
बेस मेटल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे कारोबार करने की संभावना हैं।
बेस मेटल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं। तांबे की कीमतें 525 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 535 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
बेस मेटल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ एक दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं डॉलर के कमजोर होने, एलएमई में भंडार में गिरावट और चीन की ओर से माँग में रिकवरी होने से कीमतों को मदद मिल सकती है।
बेस मेटल की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!