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ब्याज दरों में कमी आनी जरूरी : शुभम अग्रवाल (Shubham Agarwal)

अभी सबसे बड़ी चिंता बढ़ती ब्याज दरों को लेकर है, जिससे भारत भाग नहीं सकता।

लंबी अवधि के पैमाने पर ऊपर चढ़ना शुरू करने से पहले इसमें एक भारी कमी आने की जरूरत है। वैश्विक बाजार में बांडों की बढ़ती यील्ड भारतीय शेयर बाजार के लिए चिंताजनक है। साथ ही रुपये में कमजोरी का अगला दौर शुरू हो सकता है। मगर रुपये की कमजोरी से कुछ खास उद्योगों को फायदा मिलेगा। सेंसेक्स को 30,000 तक पहुँचने में 2016 तक का समय लग सकता है। शुभम अग्रवाल, तकनीकी रिसर्च प्रमुख, मोतीलाल ओसवाल (Shubham Agarwal, Technical Research Head, Motilal Oswal)

(शेयर मंथन, 08 जुलाई 2014) 

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