शुक्रवार को समाप्त हुए कारोबारी सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आयी।
अधिक आपूर्ति से तेल की कीमतों में इस वर्ष 20% से अधिक की गिरावट आयी है, जो 1997 के बाद वर्ष के पहले 6 महीनों में सबसे अधिक है। एसएमसी कमोडिटीज ने अपनी रिपोर्ट में अधिक आपूर्ति के कारण ही कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट की संभावना जताने के साथ ही निचले स्तर पर शार्ट कवरिंग की भी उम्मीद जतायी है। कच्चे तेल की कीमतें 2,650- 2,850 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। दरअसल तेल संपन्न और युद्ध से ग्रसित देश लीबिया का तेल उत्पादन 50,000 बैरल/दिन बढ़ कर 8,85,000 बैरल/दिन हो गया है। वहीं नाइजीरिया में भी कच्चे तेल के उत्पादन में 62,000 बैरल/दिन बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालाँकि तेल की कीमतों में तेजी प्रदान करने के लिए ओपेके देश लगभग 1.8 मिलियन बैरल/दिन तेल की कटौती कर रहे हैं। इस संबंध में पिछले महीने ओपेके देशों और रूस द्वारा 2018 की पहली तिमाही तक लगभग 1.8 मिलियन बैरल/दिन तेल की कटौती जारी रखने का फैसला किया गया था। मगर लीबिया और नाइजीरिया में तेल उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण बाजार में तेल की अधिकता बरकरार है। (शेयर मंथन, 24 जून 2017)
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