भारत की उत्पादन विकास दर पिछले 7 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गयी है।
निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 51.2% रहा है जो अगस्त माह में 52.3% था। पीएमआई में आयी गिरावट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट को दर्शाता है। उत्पादन क्षेत्र में गिरावट का मुख्य कारण घरेलू माँग में कमी, उच्च ब्याज दर, और निर्यात में कमी आना है। गत वर्ष के मई माह के बाद से यह सबसे कमजोर उत्पादन वृद्धि दर्ज हुई है। उत्पादन के तीनों प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि दर उम्मीद से धीमी है। देश की जीडीपी वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 7% रही है जबकि इससे पिछली तिमाही में 7.5% रही थी। आरबीआई ने पहले ही वित्तीय वर्ष में जीडीपी वृद्धि अनुमान 7.6% से घटाकर 7.4% कर दिया है। हालाँकि सर्वे में महंगाई के कम रहने का अनुमान लगाया गया है। इसके अतिरिक्त आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में 0.50% की कटौती के बाद से निवेश और उत्पादन क्षेत्र में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। (शेयर मंथन, 2 अक्टूबर 2015)
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