बजाज हाउसिंग फाइनेंस के बोर्ड ने आईपीओ (IPO) को मंजूरी दी है। कंपनी के बोर्ड से 4000 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी होंगे। साथ ही इसके अलावा बजाज फाइनेंस ओएफएस यानी ऑफर फॉर सेल के जरिए हिस्सा बेचेगी।
इसके अलावा बजाज फाइनेंस ओएफएस के तहत 3000 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगी। आपको बता दें कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस बजाज फाइनेंस की सब्सिडियरी है। आपको बता दें कि 2009 में बजाज फाइनेंस ने कर्ज देने का कारोबार शुरू किया था। 2018 में कंपनी ने हाउसिंग फाइनेंस कारोबार को अलग किया था। जानकारी के तौर पर बजाज फाइनेंस अपर लेयर एनबीएफसी (NBFC) है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक सितंबर 2025 के पहले कंपनी को लिस्ट कराना होगा। कंपनी का औसत लोन टिकट साइज 50 लाख रुपये का है। आम तौर पर कंपनी 90% लोन वेतनभोगी लोगों को देती है। बजाज फाइनेंस के 40% ग्राहक बजाज हाउसिंग फाइनेंस से लोन लेते हैं। बजाज फाइनेंस के कुल AUM में करीब 30% योगदान हाउसिंग फाइनेंस का है। चौथी तिमाही में बजाज फाइनेंस के मुनाफे में 21.1% की बढ़ोतरी हुई है। मुनाफा 3157.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 3824.5 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी के ब्याज से शुद्ध आय यानी एनआईआई (NII) में 28.1% की बढ़ोतरी हुई है। यह 6254 करोड़ रुपये से बढ़कर 8013 करोड़ रुपये रहा है। सकल एनपीए तिमाही आधार पर 0.95% से घटकर 0.85% जबकि शुद्ध एनपीए बिना बदलाव के 0.37% पर बरकरार रहा है। शुद्ध ब्याज मार्जिन 10.15% से घटकर 9.9% रहा है। बोर्ड ने चौथी तिमाही में 36 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है।
(शेयर मंथन, 08 जून 2024)
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