राजीव रंजन झा : कल बुधवार को सेंसेक्स में 723 अंक और निफ्टी में 228 अंक की बड़ी गिरावट के बाद हर तरफ यह चर्चा शुरू हो गयी कि आखिर इतनी बड़ी गिरावट के मुख्य कारण क्या हैं?
लोगों ने दसियों बातें गिना दीं। कमजोर तिमाही नतीजों की बातें हुईं, राजनीतिक गतिरोध में मोदी सरकार के अटकने की चर्चा हुई, मैट (MAT) यानी न्यूनतम वैकल्पिक कर को लेकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की चिंता का जिक्र हुआ, कच्चे तेल से लेकर मानसून की भी बात हो गयी और महँगाई दर से लेकर ब्याज दरों तक की भी। लेकिन इनमें से भला ऐसी कौन-सी बात थी, जो बाजार को कल से पहले मालूम नहीं थी? इसलिए अगर पूछें कि कल अचानक इतनी बड़ी गिरावट के पीछे तात्कालिक कारण क्या बना, तो शायद बहुत साफ जवाब नहीं मिलेगा।
लेकिन बाजार में गिरावट की भूमिका तो पहले से ही बनने लगी थी। मार्च में बने रिकॉर्ड ऊपरी स्तर से आयी गिरावट के बारे में मैंने मार्च के पहले हफ्ते में ही लिखा था और उसका बार-बार जिक्र करके अपनी पीठ नहीं थपथपाना चाहता। मगर कल जिस तरह से बाजार टूटा, उसके कुछ संकेत तो मेरे कल सुबह के लेख में ही थे।
कल मैंने लिखा था, "अभी कल (मंगलवार) के निचले स्तर 8281 के पास ही 200 एसएमए भी 8270 पर है। अगर निफ्टी 200 एसएमए के नीचे दोबारा जाये तो सावधान हो जायें। वहीं 30 अप्रैल की तलहटी 8145 को तोड़ना तो फिर से कमजोरी का एक साफ संकेत होगा ही, जिसमें कम-से-कम 8000 के स्तर दिख जाना तो बहुत स्वाभाविक होगा।"
यानी कल बाजार की चाल को लेकर सावधान होने के लिए आपको निफ्टी 100-200 अंक गिर जाने तक का इंतजार करने की जरूरत नहीं थी। जब सुबह-सुबह निफ्टी एक बार फिर से 200 एसएमए (8270) के नीचे आ गया, उसी समय फिर से खतरे की घंटी बज गयी थी।
आज सुबह अंतरराष्ट्रीय संकेत अच्छे नहीं हैं, इसलिए अगर निफ्टी ने कल के निचले स्तर 8083 को तोड़ा तो गिरावट जारी रहने का साफ संकेत मिलेगा। उसमें लगभग 8000 तक जाना तो बहुत स्वाभाविक होगा, भले ही कल की भारी गिरावट के बाद वहाँ तक केवल आज की चाल में न जाये। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या निफ्टी 8,000 के नीचे भी जायेगा? किस हद तक फिसल सकता है निफ्टी इस गिरावट में?
इसके संकेत मेरे 4 मई के लेख में ही दिये गये हैं। बाजार में बड़ी तेजी के मौजूदा दौर की शुरुआत दरअसल अगस्त 2013 से मानी जा सकती है। अगस्त 2013 की तलहटी 17,449 से मार्च 2015 में बने रिकॉर्ड स्तर 30,025 तक की उछाल की 23.6% वापसी के स्तर 27,057 को सेंसेक्स ने तोड़ दिया है। लिहाजा इन स्तरों से और नीचे गिरने पर इस संरचना में अगला बड़ा मुकाम 38.2% वापसी यानी 25,221 का बनता है। मोटे तौर पर 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर की ओर फिर से लौटने की कोशिश हो सकती है।
इसी तरह निफ्टी ने भी अगस्त 2013 की तलहटी 5,119 से मार्च 2015 के शिखर 9,119 तक की उछाल की 23.6% वापसी के स्तर 8,175 को अब बड़े अंतर से तोड़ दिया है। इसके नीचे 38.2% वापसी का स्तर 7,591 पर है, यानी वहाँ तक फिसलने की काफी संभावना बन सकती है। बेशक ऐसी गिरावट एक सीधी रेखा की तरह नहीं होगी और बीच में कई बार बाजार सँभलने का भी प्रयास करेगा। लेकिन अब अगले कई महीनों तक बाजार का रुझान मोटे तौर पर नीचे की ओर बना रह सकता है। कुल मिला कर मध्यम अवधि का रुझान बदल कर नीचे हो गया है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 07 मई 2015)
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