राजीव रंजन झा : गुरुवार 07 मई के राग बाजारी में मैंने लिखा था, "आज सुबह अंतरराष्ट्रीय संकेत अच्छे नहीं हैं, इसलिए अगर निफ्टी ने कल के निचले स्तर 8083 को तोड़ा तो गिरावट जारी रहने का साफ संकेत मिलेगा।
उसमें लगभग 8000 तक जाना तो बहुत स्वाभाविक होगा, भले ही कल (06 मई) की भारी गिरावट के बाद वहाँ तक केवल आज की चाल में न जाये।" लेकिन ऐसा लगा बाजार को नीचे जाने की काफी हड़बड़ी हो गयी! निफ्टी ने गुरुवार को ही 8000 का स्तर छू लिया। पर हाँ, 7997 का निचला स्तर छूने के बाद यह आखिरी घंटे में वहाँ से काफी सँभला भी और अंत में अपनी कमजोरी घटाते हुए 40 अंक या 0.5% के हल्के नुकसान के साथ 8057 पर बंद हुआ। अपने निचले स्तर से यह 60 अंक तो सँभल ही गया।
सोमवार 04 मई के राग बाजारी में मैंने लिखा था, "निफ्टी के चार्ट में मार्च और अप्रैल 2015 के उतार-चढ़ाव का विस्तार देखें तो 8,845 से शुरू हुई गिरावट में 80% विस्तार 8,165 का है और 30 अप्रैल का निचला स्तर इसके पास 8,145 की है। अगर यह और फिसला तो 100% विस्तार यानी 7,995 तक जाना बहुत स्वाभाविक होगा।" गुरुवार का निचला स्तर इस लक्ष्य के बिल्कुल पास 7997 का रहा। वहाँ से यह न केवल गुरुवार के आखिरी घंटे में सँभला, बल्कि शुक्रवार को भी इसने जबरदस्त ऊपरी चाल दिखायी। निफ्टी 8225 तक का ऊपरी स्तर छूने के बाद अंत में 8,191 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा उछल कर 27,000 के ऊपर लौट आया। तो क्या गुरुवार के निचले स्तर पर बाजार ने अपना एक तात्कालिक लक्ष्य पूरा करने के बाद अपनी चाल पलट ली है? निफ्टी ने 8845 के पिछले शिखर से 848 अंक यानी 9.6% की गिरावट दर्ज करने के बाद यह वापसी की है। इसलिए लोग बाजार के सँभलने की उम्मीद करें, यह स्वाभाविक है। लेकिन शुक्रवार की तेज उछाल के बावजूद बाजार अभी खतरे से बाहर नहीं आया है।
अभी निफ्टी 200 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) के स्तर 8,276 के नीचे ही है। देखना होगा कि यह इसे पार करके इसके ऊपर टिक पाता है या नहीं। अभी तो इसने बिल्कुल छोटी अवधि के मूविंग एवरेज 10 एसएमए को भी पार नहीं किया है। शुक्रवार 8 मई को 10 एसएमए 8,223 पर रहा और दिन का ऊपरी स्तर भी लगभग वहीं 8,225 का था। इसके 15 अप्रैल के शिखर 8,845 से 07 मई की तलहटी 7,997 तक की गिरावट की 23.6% वापसी के स्तर 8,197 के पास ही शुक्रवार का बंद स्तर है। इसलिए अगर सोमवार 11 मई को यह शुक्रवार के ऊपरी स्तर 8,225 को पार करे तो 8,845-7,997 की गिरावट की 38.2% वापसी के स्तर 8,321 को छूने की उम्मीद बनेगी। उसके थोड़ा ऊपर ही 05 मई को बना ताजा छोटा शिखर 8,356 पर है।
इन स्तरों को पार करने के बाद ही यह माना जा सकेगा कि बाजार एक छोटी वापस उछाल से कहीं ज्यादा आगे बढ़ रहा है। लेकिन अगर यह आने वाले दिनों में इन स्तरों से आगे बढ़े भी तो इसे 20 एसएमए (8,417) और 50 एसएमए (8,574) पर बाधा मिलेगी। वहीं 8,845-7,997 की गिरावट की 61.8% वापसी 8,521 पर है, जो इसके लिए एक अहम बाधा का काम करेगी।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि मार्च से अब तक के उतार-चढ़ाव में निफ्टी ने जो निचले शिखर (9,119 एवं 8,845) और निचली तलहटियाँ (8,269 एवं 7,997) बनायी हैं, उनसे एक गिरती पट्टी (ट्रेंड चैनल) की संरचना बनी है। इस गिरती पट्टी का ऊपरी छोर आने वाले एक-दो हफ्तों में 8,600-8,550 के आसपास रहेगा। इसलिए 61.8% वापसी और इस पट्टी के ऊपरी छोर के आसपास निफ्टी के लिए एक कड़ी बाधा बन सकती है। इसलिए अभी यह कह देना जल्दबाजी है कि बाजार के लिए खराब समय बीत गया है और फिर से नयी ऊपरी चाल शुरू हो गयी है।
यह अंदेशा इसलिए भी है कि मैट (MAT) पर सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने अब तक बिकवाली का रुख छोड़ा नहीं है। बुधवार 06 मई को 1,774 करोड़ रुपये और गुरुवार 07 मई को 1,293 करोड़ रुपये की बड़ी बिकवालियाँ करने के बाद शुक्रवार को बाजार की तेजी के बीच भी उन्होंने 438 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। जब तक एफआईआई की बिकवाली जारी है, तब तक यह मानना खतरे से खाली नहीं है कि बाजार ने इस दौर में अपनी अंतिम तलहटी बना ली है।
इस बीच बीते हफ्ते के दौरान रुपये की कमजोरी अचानक बढ़ती हुई नजर आयी है। पिछले साल अक्टूबर के आसपास से ही डॉलर की कीमत मोटे तौर पर 61 से 63 रुपये के दायरे में बनी हुई थी। लेकिन अब डॉलर की कीमत 63 रुपये के ऊपर निकलते हुए इस दायरे को तोड़ चुकी है। सितंबर 2013 के बाद पहली बार गुरुवार 07 मई को डॉलर की कीमत 64 रुपये को भी पार कर गयी। शुक्रवार को डॉलर की कीमत कुछ नरम भले ही पड़ी है, मगर इसने जो ऊपरी चाल पकड़ी है, उसमें इसका भाव 65 रुपये को आसानी से छू सकता है।
डॉलर की कीमत ने साल 2013 की दूसरी-तीसरी तिमाही में 53.63 रुपये से 68.80 रुपये तक की लंबी छलाँग लगायी थी और उसके बाद से यह उसी दायरे के अंदर है। उस उछाल की 50% वापसी यानी 61.22 और 38.2% वापसी यानी 63.01 के मोटे दायरे के अंदर काफी समय गुजारने के बाद अब यह 38.2% वापसी से भी ऊपर निकलता दिख रहा है। ऐसे में 23.6% वापसी के स्तर 65.22 को छूना एक स्वाभाविक लक्ष्य होगा। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 10 मई 2015)
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