राजीव रंजन झा : कल एक मित्र ने पूछ ही लिया कि आपने अपने राग बाजारी में बाजार की वापस उछाल को लेकर बहुत संशय वाली बातें लिखी हैं और दूसरी तरफ बाजार इतनी शानदार तेजी दिखा रहा है, ऐसा क्यों?
मित्र का प्रश्न अपनी जगह बहुत जायज था, लेकिन कल बाजार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसे मैं अपने आकलन से विपरीत मानूँ। मेरे मन में प्रश्न था कि बाजार में आयी वापस उछाल कितनी टिक सकेगी? मेरा आकलन था कि शुक्रवार की तेज उछाल के बावजूद बाजार अभी खतरे से बाहर नहीं आया है। कल की उछाल के बाद भी इस प्रश्न और अंदेशे को किनारे नहीं किया जा सकता।
कल मैंने 200 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) और फिर 8356 जैसे बाधा स्तरों की चर्चा की थी और कहा था कि इन स्तरों को पार करने के बाद ही यह माना जा सकेगा कि बाजार एक छोटी वापस उछाल से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है। कल निफ्टी ने 200 एसएमए के स्तर 8,286 को तो पार कर लिया है, लेकिन 05 मई को बने ताजा छोटे शिखर 8,356 से पहले रुक गया।
कल निफ्टी ने 134 अंकों या 1.63% की शानदार उछाल दर्ज की। दिन का ऊपरी स्तर 8,333 का रहा, यानी 05 मई के पिछले शिखर 8,356 से केवल 23 अंक पीछे। आखिर जो सूचकांक 134 अंक चढ़ गया, उसे केवल 23 अंक और ऊपर जा कर 8,356 को पार करने में क्यों हिचक हो गयी? इस तरह हिचक कर निफ्टी ने 05 से 07 मई के दौरान आयी गिरावट की ज्यादा तेज वापसी करने का मौका गँवा दिया। पिछली गिरावट की ज्यादा तेज वापसी करना तकनीकी मजबूती का संकेत होता।
खैर, अभी तो निफ्टी ने 200 एसएमए (8,286) को फिर से पार कर लिया है। साथ ही कल यह लगभग पूरे दिन 10 एसएमए (8225) के ऊपर बना रहा, क्योंकि दिन का निचला स्तर 8,225 का ही था। लेकिन कल के बंद स्तर 8,325 के पास ही निफ्टी की 8845 से 7997 तक की हाल की गिरावट की 38.2% वापसी का स्तर 8,321 पर है। अगर आज निफ्टी सकारात्मक रुझान बनाये रखता है और 05 मई के शिखर 8,356 को पार कर लेता है तो 8845-7997 की गिरावट की 50% वापसी (8,421) और 61.8% वापसी (8,521) को अगला लक्ष्य समझा जा सकता है।
लेकिन आज जिस तरह के अंतरराष्ट्रीय संकेत हैं, उनमें भारतीय बाजार की शुरुआत भी सुस्त ही होने के आसार हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि निफ्टी शुरुआती दबाव के बाद कितना सँभलता है और 8,356 के ऊपर निकल पाता है या नहीं। अगर यह ऐसा नहीं कर पाया तो आने वाले दिनों के लिए भी 8,356 पर मौजूद बाधा कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण बन जायेगी।
अगर अगले कुछ दिनों में निफ्टी इस बाधा को पार करके 8,421 और 8,521 की ओर बढ़ सका तो वहाँ तक जाने के क्रम में यह 50 एसएमए के पास आ जायेगा। अभी 50 एसएमए 8,569 पर है और थोड़ा नीचे की ओर आ रहा है। इसके साथ ही आप चार्ट में देख सकते हैं कि मार्च और अप्रैल के शिखरों और तलहटियों से बनती गिरती पट्टी (ट्रेंड चैनल) की ऊपरी रेखा भी आने वाले दिनों में 8,600 के करीब आ जायेगी। इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर मैंने पिछले राग बाजारी में भी यह जिक्र किया था कि 8600-8550 के पास निफ्टी के लिए एक कड़ी बाधा बन सकती है।
इसलिए निफ्टी भले ही लगभग 8,600 तक भी चला जाये, पर मूल रूप से निफ्टी के रुझान को लेकर आशंका बनी रहेगी। जब तक निफ्टी मार्च से अब तक की गिरती पट्टी के अंदर बना हुआ है, तब तक इसका रुझान कमजोर ही दिखेगा। आने वाले दिनों में अगर यह 50 एसएमए के ऊपर निकले और साथ ही गिरती पट्टी की ऊपरी रेखा को पार करके इसके ऊपर निकले, तभी यह धारणा बनेगी कि मध्यम अवधि के लिहाज से बाजार की चाल फिर सकारात्मक हो गयी है।
इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख में कल एक सकारात्मक बदलाव जरूर दिखा है। कल एफआईआई ने 170 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की है। हाल में उनकी जो बड़ी-बड़ी बिकवालियाँ थीं, उनकी तुलना में कल की उनकी खरीदारी काफी हल्की है। आज यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी खरीद-बिक्री के आँकड़े कैसे रहते हैं। मोटी बात यह है कि अगर एफआईआई बिकवाली थमने और उनकी खरीदारी लौटने के संकेत मिलते हैं तो बाजार की चाल बदलने की उम्मीद जगने लगेगी। लेकिन अगर उनकी खरीदारी नहीं लौटती तो फिलहाल बाजार की मौजूदा उछाल को एक बड़ी गिरावट के बाद आने वाली वापस उछाल के तौर पर ही देखना बेहतर होगा। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 12 मई 2015)
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