भारतीय शेयर बाजार लंबी अवधि के लिहाज से आकर्षक है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्दी ही ब्याज दरें बढ़ाये जाने की शुरुआत करने वाला है। उस समय भारत में एफआईआई निवेश का रूझान क्या होगा, यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ी चिंता है।
साथ ही विधेयकों को पारित करवाने में सरकार की अक्षमता और आरबीआई की ब्याज दरों में कटौती में देरी भी शेयर बाजार के सामने बड़ी चिंताएँ हैं। वहीं, कच्चे तेल की कम कीमतें भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा सकारात्मक पहलू है।
भारत अच्छी जीडीपी विकास दर और स्थायी सरकार के साथ विश्व की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है। विकास केंद्रित बजट से देश में नये निवेश को बढ़ावा मिल सकता है। उम्मीद है कि पीएसयू कंपनियाँ भी अपनी निवेश योजनाओं में तेजी ला सकती हैं। इसके अलावा, महँगाई दर कम होने से बचत बढ़ेगी, जिससे निवेश में वृद्धि हो सकती है। विनोद शर्मा, पीसीजी प्रमुख, एचडीएफसी सिक्योरिटीज (Vinod Sharma, PCG Head, HDFC Securities)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)